नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी), आयुक्तालय, दिल्ली (पूर्व) ने गलत तरीके से इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) हासिल करने के लिए 79.5 करोड़ रुपये के जाली बिल जारी करने के मामले में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को गिरफ्तार किया है। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई है।
बयान में कहा गया है कि इस पूरे गिरोह का संचालक एक सीए नितिन जैन है। जैन ने गलत तरीके से आईटीसी हासिल करने के लिए अपने परिवार के सदस्यों की पहचान के जरिये तीन कंपनियां ….मैसर्स अनशिखा मेटल्स, मैसर्स एन जे ट्रेडिंग कंपनी और मैसर्स ए जे एंटरप्राइजेज का गठन किया था।
आयुक्तालय ने बयान में कहा कि जैन ने इन कंपनियों के जरिये 14.30 करोड़ रुपये का जाली आईटीसी आगे दिया। वस्तुओं के परिवहन के लिए निकाले गए सभी ई-वे बिल भी फर्जी पाए गए हैं।
जैन 16 दिसंबर, 2020 से फरार था। 13 जनवरी को वह जांच अधिकारियों के समक्ष उपस्थित हुआ। उसने बयान में तीन मुखौटा कंपनियों की स्थापना की बात स्वीकार की। ये कंपनियां उसने फर्जी आईटीसी के लिए अपने पिता नरेश चंद जैन तथा पत्नी दिक्षा जैन के नाम से खोली थीं।
बयान में कहा गया है कि पूर्वी दिल्ली आयुक्तालय ने पूर्व में दो मामले पकड़े थे। इन मामलों में सचिन मित्तल और दिनेश जैन शामिल थे। इन मामलों में क्रमश: 12 करोड़ रुपये और 13.98 करोड़ रुपये के जाली बिल जारी किए। इन दोनों ने भी अपने बयान में नितिन जैन का नाम लिया था।
भाशा अजय अजय मनोहर
मनोहर