नई दिल्ली। अगर आप लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन या मोबाइल स्क्रीन पर समय बिताते हैं तो फिर आप समय से पहले बुढ़े हो सकते हैं। दरअसल, आमतौर पर जो बीमारी हम बुजुर्गों में देखते हैं वो अब लंबे समय तक स्क्रीन के समाने समय बिताने वाले लोगों में देखने को मिल रही है।
शोधकर्ताओं ने अलर्ट किया
इंग्लैंड के शोधकर्ताओं ने अपने रिसर्च से लोगों को अलर्ट किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर आपका एक लम्बा समय स्मार्टफोन या कम्प्यूटर की स्क्रीन के सामने बीतता है तो दूर की नजर कमजोर हो सकती है। वैज्ञानिक इसे मेडिकल की भाषा में मायोपिया कहते हैं।
3 महीने से 33 साल के लोगों पर ज्यादा खतरा
वैज्ञानिकों के अनुसार ये बीमारी 3 महीने से लेकर 33 साल तक के लोगों में मायोपिया होने का खतरा 80 फीसदी तक रहता है। बतादें कि इस रिसर्च को इंग्लैंड की एंगलिया रस्किन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। रिसर्च के अनुसार, सर्फ स्मार्टफोन ही 30 फीसदी तक मयोपिया का रिस्क बढ़ा देता है। इसके अलावा जरूरत से ज्यादा कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है तो यह खतरा बढ़कर 80 फिदी तक पहुंच जाता है।
2050 तक आधी अबादी इसके चपेट में
जानकारी के अनुसार 2050 तक लोगों पर इसका असर काफी बूरा पड़ने वाला है। आधी आबादी को दूर की चीजें धुंधली दिखनी शुरू हो सकती हैं या आंखों से जुड़ी कोई ऐसी समस्या हो सकती है।
स्क्रीन के सामने बैठने से बच्चों को रोकें
बतादें कि WHO ने भी हाल ही में 2 साल से कम उम्र के बच्चों को स्क्रीन के सामने आने से रोक लगाने की बात कही थी। संगठन ने कहा था कि 2-5 साल के बच्चों को दिनभर में 1 घंटे से ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए। गौरतलब है कि एक अन्य शोध के मुताबिक बच्चे एक हफ्ते में 23 घंटे स्क्रीन के सामने अपना समय बिता रहे हैं।
व्यस्क भी स्क्रीन पर ज्यादा समय बिता रहे हैं
इसके अलावा व्यस्क भी कोरोनाकाल के बाद अपना ज्यादातर समय मोबाइल या कप्यूटर स्क्रीन के सामने ही बिता रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम के कारण लोग पहले की तुलना में ज्यादा गैजेट का इस्तेमाल करने लगे हैं। इसके मायोपिया काफी तेजी से बढ़ रहा है।