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नई दिल्ली। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने उम्मीद जताई है कि सरकार और नियामक क्षेत्र को सतत निवेश का व्यावहारिक स्थान बनाने के लिए कदम उठाएंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दूरसंचार क्षेत्र को अपने ‘3+1‘ के मौजूदा ढांचे को कायम रखने के लिए ‘लंबे विलंबित’ समर्थन की जरूरत है।
दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज का ‘3+1‘ से आशय निजी क्षेत्र की तीन कंपनियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र की एक कंपनी से है। मित्तल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में दूरसंचार क्षेत्र की भूमिका और व्यापक हुई है और इसके समक्ष चुनौतियां हैं। मित्तल ने एयरटेल की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि सतत मूल्य और ऊंचे पूंजी-गहन वातावरण में निचले रिटर्न के साथ पुराने कानूनी मुद्दों से क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
एयरटेल के प्रमुख ने कहा, ‘‘उद्योग अपने मौजूदा ‘3+1‘ के ढांचे को कायम रखने के लिए लंबे विलंबित समर्थन की जरूरत है। साथ ही क्षेत्र के खिलाड़ियों को अपने निवेश पर सम्मानजनक प्रतिफल मिलना चाहिए।’’ मित्तल ने उम्मीद जताई कि सरकार और नियामक उद्योग में उचित संतुलन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे जिससे यह निवेश के लिए एक व्यावहारिक क्षेत्र बना रहेगा।
उन्होंने कहा कि, भारत दीर्घावधि के निवेशकों के लिए निवेश का एक ‘उत्साहवर्धक गंतव्य’ बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे पास भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था में वैश्विक स्तर पर अगुवा बनाने का अवसर है। हमें इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए अपनी नीतियां बनानी चाहिए और सहयोग के जरिये निवेश, उद्यमिता तथा नवोन्मेषण को प्रोत्साहन देना चाहिए।
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