रिपोर्ट- गणेश दुनगे
Burhanpur Patwari Advocate Controversy: पटवारी और अधिवक्ताओं के बीच नामांतरण के विवाद को लेकर हाल ही में हुए विवाद का समाधान हो गया है। पटवारी ने वकीलों अभद्र व्यवहार के आरोप लगाते हुए हड़ताल की थी। जो विवाद सुलझने के साथ खत्म हो गई है। पटवारी कमल स्वामी ने बताया कि दोनों वकीलों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे अपने द्वारा किए गए व्यवहार के लिए वे आहत हैं पटवारियों पर लगाए गए आर्थिक लेन-देन के आरोप गलत हैं। साथ ही वकीलों ने भविष्य में ऐसी कोई घटना और विवाद नहीं होने का विश्वास दिलाया है।
SDM पल्लवी पुराणिक के हस्तक्षेप से हुआ समझौता
यह मामला तब सुलझा जब SDM पल्लवी पुराणिक ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया। पटवारी और अधिवक्ताओं के बीच यह विवाद नामांतरण को लेकर था, जिसे अब शांतिपूर्वक सुलझा लिया गया है। एसडीएम ने कहा अब दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद नहीं है।
152 पटवारी कामकाजी मोड में लौटे
तहसील कार्यालयों में अब पटवारियों ने काम शुरू कर दिया है। विवाद के बाद जिलेभर के 152 पटवारी अपने-अपने काम पर लौट आए और तहसील कार्यालयों में कामकाज फिर से शुरू हो गया है। मामले की जानकारी देते हुए पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष राहुल तोमर ने कहा कि समझौते के बाद अब हम अपने काम में पूरी तन्मयता से जुट गए हैं और हमें उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह के विवाद नहीं होंगे।
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क्या था मामला
एमपी पटवारी संघ ने एडीएम वीरसिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा था। जिसमें पटवारियों ने 12 दिसंबर को हल्का पातोंडा के पटवारी कमल स्वामी के साथ एक वकील पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया। पटवारियों का कहना है कि अधिवक्ता ने नौकरी खा जाने की धमकी दी। पटवारी संघ ने मांग की कि संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो। कार्रवाई नहीं होने पर पटवारी 16 दिसंबर से कलमबंद हड़ताल करेंगे। सीएसपी गौरव पाटिल ने कहा कि तहसीलदार से मिली जानकारी के अनुसार अधिवक्ता और पटवारी के बीच विवाद हुआ था, लेकिन इस मामले में ठोस प्रमाण नहीं मिले, इसलिए यह जांच का विषय है।
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