रिपोर्ट, ग्रिजेश सिह, अंबेडकर नगर
हाइलाइट्स
- अंबेडकर नगर में झोपड़ी पर प्रशासन द्वारा बुल्डोजर की कार्रवाई
- अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
- कई यूजर्स ने लिखा कि अवैध कब्जे को हटाने के लिए कार्रवाई जरूरी
AMBEDKAR NAGAR: उत्तर प्रदेश अंबेडकर नगर में एक झोपड़ी पर प्रशासन द्वारा बुल्डोजर की कार्रवाई हुई है। इसबुल्डोजर कार्रवाई की बीच जलते छप्पर के नीचे से स्कूल बैग को सीने से लगाकर प्राथमिक स्कूल की बच्ची बाहर की और भागती हुई दिखाई जा रही है।
क्या हुआ मामला?
अंबेडकर नगर में प्रशासन ने अवैध कब्जे को हटाने के लिए बुल्डोजर कार्रवाई की। इस दौरान एक झोपड़ी को ध्वस्त कर दिया गया। झोपड़ी के जलने के बीच एक छोटी बच्ची अपना स्कूल बैग लेकर बाहर भागी। यह तस्वीर लोगों के दिलों को झकझोर गई। बच्ची के चेहरे पर डर और बैग को सीने से लगाए भागने की कोशिश करती नजर आई।
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “बुल्डोजर की बर्बरता ने एक मासूम बच्ची का स्कूल बैग छीन लिया। यह सिर्फ एक झोपड़ी नहीं, बल्कि उस बच्ची के सपनों का घर था। योगी सरकार की निर्दयता ने प्रदेश को तार-तार कर दिया है।” उन्होंने सरकार से इस घटना की जांच और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की।
उप्र के अम्बेडकर नगर में एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी शान दिखाने के लिए लोगों की झोपड़ियां गिरा रहा है और एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए भागने पर मजबूर है। ये वही भाजपाई लोग हैं, जो कहते हैं : बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ! pic.twitter.com/eSTJKvZZKD
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 22, 2025
सोशल मीडिया पर आक्रोश
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है। लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि अवैध कब्जे को हटाने के लिए कार्रवाई जरूरी है, लेकिन इतनी बर्बरता और मासूम बच्चों के सपनों को तोड़ना कहां तक जायज है?
प्रशासन का रुख
प्रशासन ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि अवैध कब्जे को हटाने के लिए यह कार्रवाई की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और पुनर्वास के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे। इस घटना ने एक बार फिर से अवैध कब्जे को हटाने के तरीकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पीड़ित परिवार को किस तरह का मुआवजा दिया जाता है।
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