Budh Vakri: हर दिन बदलती ग्रहों की चाल से लोगों को अच्छा बुरा फल मिलता है। महीने की शुरुआत में सबसे पहले ग्रहों के राजकुमार बुध अपनी चाल बदलने जा रहे हैं। बुध 30 दिन में दो बार फिरकी मारेंगे।
इसमें बुध की वक्री (Budh ki Vakri chal) और मार्गी (Budh Margi ) दोनों चाल शामिल हैं। बुध के गोचर (Budh Gochar) से मौसम पर क्या असर होगा, बुध कब वक्री होंगे, कब मार्गी (Budh Margi) होंगे आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री से।
2 अगस्त को वक्री होंगे बुध
हिन्दू पंचांग के अनुसार ग्रहों के राजकुमार बुध (Murcury 2024 August) 2 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को सिंह राशि में वक्री होने जा रहे हैं। वक्री होने पर बुध सिंह राशि में ही उल्टी चाल चलने लगेंगे।
11 अगस्त को कर्क में मार्गी हो जाएंगे
सिंह राशि में वक्री चाल (Singh Rashi me Budh Vakri) चलते चलते बुध 11 अगस्त को पूर्ण रूप से कर्क में पहुंचेगे। इसके बाद कर्क राशि में ही मार्गी चाल यानी सीधी चाल शुरू कर देंगे। कर्क में ही अपनी यात्रा तय करेंगे।
22 अगस्त को आएंगे सिंह में
22 अगस्त को कर्क राशि पर पहुंचकर इसी राशि में ही आकर मार्गी हो जाएंगे। यानी इसी राशि में सीधी चाल शुरू करेंगे।
2 सितंबर को बनेगा बुधादित्य योग
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार बुध 2 सितंबर को सूर्य के साथ मिलकर सिंह राशि में बुध और सूर्य के साथ मिलकर बुधादित्य योग बनाएंगे।
बुध ग्रह की कमजोर स्थिति के संकेत
1. संचार में परेशानी: बुध ग्रह की कमजोर स्थिति से व्यक्ति को संचार में परेशानी हो सकती है, जैसे कि बोलने में दिक्कत, सुनने में समस्या, या विचारों को व्यक्त करने में कठिनाई।
2. मानसिक अस्थिरता: बुध ग्रह की कमजोर स्थिति व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता का सामना करा सकती है, जैसे कि चिंता, तनाव, या निर्णय लेने में कठिनाई।
3. शिक्षा में परेशानी: बुध ग्रह की कमजोर स्थिति व्यक्ति को शिक्षा में परेशानी का सामना करा सकती है, जैसे कि पढ़ाई में दिक्कत, याद रखने में समस्या, या परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में कठिनाई।
4. व्यापार में परेशानी: बुध ग्रह की कमजोर स्थिति व्यक्ति को व्यापार में परेशानी का सामना करा सकती है, जैसे कि व्यापार में हानि, व्यापारिक निर्णयों में गलती, या व्यापार में सफलता प्राप्त करने में कठिनाई।
5. स्वास्थ्य समस्याएं: बुध ग्रह की कमजोर स्थिति व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करा सकती है, जैसे कि तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएं, सिरदर्द, या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं।
बुध ग्रह को मजबूत करने के उपाय
1. बुधवार का व्रत रखें: बुधवार का व्रत रखने से बुध ग्रह की कमजोर स्थिति में सुधार हो सकता है।
2. हरे रंग का उपयोग करें: हरे रंग का उपयोग करने से बुध ग्रह की कमजोर स्थिति में सुधार हो सकता है, जैसे कि हरे रंग के कपड़े पहनना या हरे रंग की वस्तुओं का उपयोग करना।
3. बुध मंत्र का जाप करें: बुध मंत्र “ॐ बुधाय नमः” का जाप करने से बुध ग्रह की कमजोर स्थिति में सुधार हो सकता है।
4. बुध ग्रह के रत्न पहनें: बुध ग्रह के रत्न पन्ना या हरितोपल पहनने से बुध ग्रह की कमजोर स्थिति में सुधार हो सकता है।
5. बुध ग्रह के दान करें: बुध ग्रह की दान करने से बुध ग्रह की कमजोर स्थिति में सुधार हो सकता है, जैसे कि हरे रंग की वस्तुएं दान करना या बुधवार को दान करना।
6. बुध संबंधी वस्तुओं का उपयोग करें: बुध संबंधी वस्तुओं का उपयोग करने से बुध ग्रह की कमजोर स्थिति में सुधार हो सकता है, जैसे कि किताबें पढ़ना, लेखन करना, या संचार संबंधी कार्य करना।
7. बुध ग्रह की पूजा करें: बुध ग्रह की पूजा करने से बुध ग्रह की कमजोर स्थिति में सुधार हो सकता है, जैसे कि बुधवार को पूजा करना या बुध ग्रह के मंत्रों का जाप करना।
वक्री बुध का किस पर क्या होगा असर
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार अभी तक जिन जातकों को बुध अशुभ फल दे रहे थे उन्हें वक्री होने पर शुभ फल देने लगेंगे। जिन्हें शुभ फल दे रहे थे उन्हें अब सतर्क रहना होगा। आपको बता दें बुध की नीच राशि मीन है। इन जातकों को अभी तक मार्गी चाल में अशुभ फल मिल रहा था उन्हें अब शुभ फल मिलने लगेगा।
बुध की उच्च, नीच और स्व राशियां
बुध की उच्च राशि कन्या, स्वराशि मिथुन और नीच राशि मीन है। ऐसे में इन जातकों में जिन्हें शुभ फल मिल रहा था उन्हें अशुभ और जिन्हें शुभ मिल रहा था उन्हें शुभ फल मिलने लगेगा।
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