Budh Vakri in Mesh 2024: बुद्धि, विद्या के देवता बुध ने अपनी चाल बदल ली है। अभी तक मेष राशि में सीधी चाल चल रही बुध ने उल्टी चाल (Budh Vakri in Mesh) शुरु कर दी है। 2 अप्रैल मंगलवार को बुध वक्री (Budh Vakri) हो गए हैं।
जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री से कि बुध की वक्री चाल (Budh Vakri) से किसे सतर्क रहना होगा, किसे लाभ होगा।
अप्रैल में बुध वक्री
बुध 2 अप्रैल मंगलवार को दोपहर 2:56 मिनट पर वक्री हो गए हैं। अब बुध मेष राशि में ही उल्टी चाल चल रहे हैं। अब एक सप्ताह के लिए बुध इस राशि में व्रकी रहेंगे। इसके बाद
इस दिन मीन राशि में वक्री होंगे बुध
मेष राशि में वक्री चाल चल रहे बुध सात दिन बाद 9 अप्रैल को मीन राशि में वक्री (Budh Vakri) हो जाएंगे। इसके बाद एक बार फिर मीन राशि में उल्टी चाल चलेंगे।
मंगल की राशि में बुध की उल्टी चाल
आपको बता दें ग्रहों के राजकुमार बुध ने 25 मार्च सोमवार को मीन से मेष (Budh Gochar in Mesh) राशि में प्रवेश (Budh Rashi Parivartan) किया था। आपको बता दें बुध अभी तक अपनी नीच राशि मीन में चल रहे थे।
जिसके चलते उनका विभिन्न जातकों पर विपरीत असर पड़ रहा था। लेकिन मंगल की राशि मेष में (Meen me Budh ka gochar) बुध के गोचर से अच्छे फल शुरू हो गए थे। पर अब मेष राशि में ही बुध की वक्री चाल (mesh me bush vakri) से एक बार फिर से जातकों को सतर्क रहने के लिए आगाह कर रही है। (Budh Gochar Effect)
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार जब बुध अनुकूल असर (Vakri Budh Effect) दिखाता हैं तो व्यक्ति की सोचने, समझने की शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव डालता है।
चूंकि बुध अब मंगल की राशि मेष में ही वक्री हो गए हैं (Mesh me Budha ka Gochar ) इसलिए अभी तक जिन जातकों को इससे अच्छा फल मिल रहा था उन्हें सतर्क रहना होगा। व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होगी। वे निर्णय लेने में कंफ्यूज रहेंगे। अब इसी राशि में इनकी उल्टी चाल लोगों को परेशान कर सकती है।
बुध की वक्री चाल से ये रहें सतर्क (Budh Gochar Effect)
ज्योतिषाचार्य के अनुसार मेष में बुध के गोचर से चार जातकों को बेहद सतर्क रहने की जरुरत है।
इसमें मकर, कन्या, तुला और मीन राशि के जातकों को बुध के गोचर से हानि यानी प्रतिकूल परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। तो वहीं इस दौरान बाकी राशियों के लिए बुध के गोचर से शुभ परिणाम मिलने लगेंगे।
कुंडली के किस भाव में गोचर होता है अशुभ (Budh in Kundli)
जब कोई भी ग्रह गोचर (Grah Gochar) करता है तो वह जातक की कुंडली में राशि से गोचर करने वाली राशि तक के चौथे, आठवें और बारहवें भाव पर असर करता है, इसलिए इस गोचर काल से मकर राशि को चौथा, कन्या राशि को आठवां और तुला राशि को बाहरवां पड़ेगा। जिसके कारण इन जातकों को विशेष सतर्क रहने की जरुरत है।
बुध कमजोर हो तो क्या होता है (Kamjor Budh Effect)
सभी नव ग्रहों में हर ग्रह का अपना स्वभाव होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में बुध कमजोर होता है उसके जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। इससे व्यक्ति के व्यापार, नौकरी, तरक्की में रुकावटें पैदा होने लगती हैं। इतना ही नहीं व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
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