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Budh-Surya-Mangal-Shukra ka Gochar : हो जाएं सतर्क, दस दिन के अंदर 4 बड़े ग्रहों में होने वाला है उलट-फेर

Budh-Surya-Mangal-Shukra ka Gochar : हो जाएं सतर्क, दस दिन के अंदर 4 बड़े ग्रहों में होने वाला है उलट-फेर budh-surya-mangal-shukra-ka-gochar-be-alert-there-is-going-to-be-a-reversal-in-4-big-planets-within-ten-days-pds

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Preeti Dwivedi
June Grah Gochar: जून में कौन सा ग्रह, कब बदलेगा अपनी चाल, जानें

नई दिल्ली। मई के महीने में तीन बड़े ग्रहों का परिवर्तन होने जा रहा है। जी हां और ग्रहों के इस परिवर्तन का सीधा असर राशियों पर पड़ेगा। आपको बता दें सबसे पहले 10 मई को बुध वक्री होकर उल्टी चाल चलेंगे। उसके बाद 14 मई को सूर्य राशि परिवर्तन करेंगे। इसके बाद सबसे अंत में यानि 17 मई को मंगल भी अपना गोचर करेंगे। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो ये तीनों ग्रह विभिन्न राशि के जातकों के साथ—साथ मौसम पर भी प्रभाव डालेंगे। चलिए जानते हैं इन ग्रहों का परिवर्तन कैसे होने जा रहा है और इसका क्या असर होगा।

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 10 मई को बुध होंगे वक्री —
मई के महीने में सबसे पहले 10 मई को बुध अपने ही ग्रह में वक्री होकर उल्टी चाल चलेंगे। वर्तमान में Zodiac Change in May 2022: बुध वृष राशि में चल रहे हैं। 10 मई को इसी राशि में इनकी उल्टी चाल शुरू हो जाएगी। जो 1 जून तक वक्री रहेंगे। इसके बाद 1 जून को ये इसी राशि यानि मेष राशि में ही सीधी चाल चलना शुरू कर देंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार जब भी कोई ग्रह वक्री होता है तो वह विभिन्न राशि के जातकों पर कुछ न कुछ असर जरूर डालता है।

राशियों पर क्या होगा असर —
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि बुध की यह बदली चाल प्राकृतिक प्रकोप को शांत करेगी। इतना ही नहीं 15 मई को ये सूर्य के साथ हो जाएंगे। आपको बता दें 15 मई को सूर्य अपनी राशि बदलकर मेष से वृष में प्रवेश कर जाएंगे। जिसके बाद बुध को सूर्य का सानिध्य प्राप्त हो जाएगा।

ऐसी होती है बुध ग्रह की प्रकृति —
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी है। अपने भ्रमण काल के दौरान जब बुध कन्या राशि में आता है तो उसे उच्च का कहा जाता है। जबकि मीन राशि में ये नीच के माने जाते हैं। कन्या राशि 16 से 20 अंश तक यह मूल त्रिकोण में माना जाता है।

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मिश्रित स्वभाव का ग्रह है बुध —
बुध मिश्रित स्वभाव का ग्रह है। पापी ग्रह के साथ होने पर यह पापी हो जाता है। इसे हरा रंग का माना जाता है। किसी जातक का रंग जानने के लिए इसे श्याम वर्ण का माना जाता है। इसमें पृथ्वी तत्व की प्रधानता होती है। वाणी, बुद्धि, चर्म, वात, पित्त और कफ का विश्लेषण बुध ग्रह से किया जाता है। बुध प्रधान लोग अक्सर लेखक, कवि, गणितज्ञ, बैंकर, सीए, चित्रकार, प्रखर वार्ताकार और तर्क से सब को परास्त करने वाले होते हैं। बुध ग्रह के प्रभाव से लोगों को बैंकर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, व्यवसायिक बनते देखा गया है। अच्छे व्यवसाय के लिए जातक की कुंडली में बुध का मजबूत होना आवश्यक है। बुध राशि के जातक बहुत अच्छे शिल्पकार भी होते हैं। इस ग्रह को वैश्य जाति का ग्रह कहते हैं। इससे प्रभावित जातकों का भाग्योदय 32 वर्ष पर होता है।

बुध के बेहद आसान 6 उपाय —

  • हरी वस्तुओं का दान।
  • गाय को हरा चारा खिलाएं।
  • 9 कन्याओं को हरें रुमाल दान करें।
  • गणेशजी को दूर्बा चढ़ाएं।
  • घर के आसपास सूखे पौधे हटाकर नया पौधा लगाएं।
  • तुलसी का पौधा दान करें।
  • बुध का यह गोचर व्यक्ति की बुद्धि में परिवर्तन लाएगा। इस दौरान उन्हें हर कार्य बड़ी ही सावधानी के साथ करने की सलाह दी जा रही है। चूंकि बुध ग्रह हरा तत्व प्रधान भी है। इसलिए इस दौरान हरी रंग प्रधान वस्तुओं जैसे हरी सब्जी, हरी दालों आदि के दाम बढ़ सकते हैं।

आपके किस भाव में हैं बुध —

पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में बुध आठवें, चौथे और बारहवें भाव में होता है। साथ ही साथ जिन्हें नीच के बुध हैं उन्हें विशेष सावधान रहने की जरूरत होती है। इसके ​अलावा धनु राशि में गोचर करने पर यह इस राशि के लिए शुभ रहेगा। बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च के और मीन राशि में नीच के माने जाते हैं।

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कमजोर बुध के संकेत —

  • बुध ग्रह बुद्धिमत्‍ता, वाणी, सौंदर्य, धन का कारक ग्रह है। लिहाजा आपकी जिंदगी में अचानक पैसों की तंगी हो जाए और आप कर्ज के बोझ से दबने लगें तो मान लीजिए कि आपका बुध ग्रह कमजोर हो रहा है।
  • अचानक मान हानि होने के साथ—साथ लोग आपका सम्‍मान बंद कर दें, बुध की कमजोरी के संकेत है।
  • आत्‍मविश्‍वास कम होना, खुद की बुद्धिमत्‍ता और निर्णयों पर संदेह करना।
  • महिला रिश्‍तेदारों जैसे बहन, बुआ, मौसी आदि से रिश्‍ते खराब होना।
  • दुर्बल होते जाना, जातक का तेज खत्‍म होना, चेहरा उतरा हुआ दिखने लगना।
  • बोलने और सुनने से जुड़े अंगों में समस्‍या।
  • दुर्बल बुध व्‍यापार में भी नुकसान कराता है।

ऐसे कर सकते हैं बुध को मजबूत —
बुध को मजबूत करने के लिए हरे रंग की चीजों का उपयोग करें। साथ ही उनका दान भी करें। जैसे- हरी मूंग, पालक, हरे रंग के शरबत का दान करें। सुहागिन महिलाओं को हरी चूड़ियां भेंट करें। खीरा, हरी सब्जियां, फल खाएं। हरे रंग के कपड़े पहनें।

 सूर्य 15 मई को बदलेंगे राशि —
दूसरे गोचर में सूर्य 15 मई को अपना राशि परिवर्तन करेंगे। जिसमें ये मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। करीब एक महीने बाद 16 जून को एक बार फिर इनका गोचर होगा।

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सूर्य के गोचर का असर —
ज्योतिषार्य के अनुसार जब सूर्य वृष राशि में प्रवेश करता है तो इस दौरान इसकी सामर्थता सबसे अधिक होती है। यानि ये अपनी पूरी क्षमता के अनुसार तीक्ष्ण किरणें छोड़ता है। इस दौरान इनकी तपिश सबसे अधिक होती है। ये तपिश एक महीने तक लोगों को सताएगी। इसके बाद जब ये 16 जून को राशि परिवर्तन करेंगे तो इससे लोगों को निजाद मिलेगी।

किसानों के लिए खास होता है ये महीना
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूरज की तीक्ष्ण किरणें धरती पर पड़ती हैं तो ये जमीन के सारे ​कीटाणु नष्ट कर देती हैं। जिससे जमीन का उपजाउपन बढ़ता है। इसलिए ये महीना किसानों के लिए खास माना जाता है। इसी दौरान नवतपे आते हैं। लेकिन इस दौरान कहते हैं कि तपों में पानी भी गिर जाए तो वह फसलों के लिए हानिकारक होता है। Zodiac Change in May 2022: राशियों की बात करें तो कुंडली में दिए स्थान अनुसार ये जातकों पर असर डालता है।

कुंडली में ऐसी होती है स्थिति सूर्य की —

ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य पहले भाव में उच्च के माने जाते हैं। पहला भाव यानि मेष राशि। जब जातक की कुंडली में पहले भाव में सूर्य विराजमान होते हैं तो समझ लीजिए आपको जीवन में यज, सम्मान बहुत तेजी से मिलने वाला है। वहीं कुंडली के सातवें भाव यानि तुला राशि में सूर्य नीच के माने जाते हैं। यदि आपकी कुंडली में भी सूर्य की ये स्थितियां हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। इसके विपरीत ये अपनी स्वराशि यानि सिंह में सामान्य फल देने वाले माने जाते हैं। यानि कुडंली में चौथे, आठवें और बारहवें भाव में होने पर अच्छा नहीं माने जाते। शेष घर में होने पर ये सामान्य फल देते हैं। इस गोचर काल में स्वास्थ्य संबंधी परिवर्तन देखने को मिलेंगे।

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इन उपायों से बनेंगे सूर्य मजबूत –

अगर आपकी कुंडली में सूर्य नीच के या कमजोर स्थिति में हैं तो आपको ये उपाय करने चाहिए।
सूर्योदय के समय भगवान सूर्य देवता को अक्षत डालकर जल अर्पित करें।
सूर्य मंत्र का जाप करें।
गायत्री मंत्र का जाप करें।
दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली में माणिक का धारण करने से सूर्य मजबूत होते हैं।

 17 मई को मंगल करेंगे मीन में प्रवेश —
अभी तक कुंभ राशि में चल रहे मंगल 17 मई को मीन में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 29 जून तक ये इसी स्थिति में रहेंगे। आपको बता दें मंगल का राशि परिवतन लोगों को आगाज कर रहा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में मंगल चौथे, आठवें और 12 वें भाव में होते हैं उन्हें इस दौरान विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। तो वहीं बाकी राशियों के लिए ये सामान्य रहेंगे।

उपाय — मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें।

 22 मई को शुक्र का गोचर —

महीने के चौथे ग्रह परिवर्तन के रूप में शुक्र ग्रह 22 मई का अपना राशि परिवर्तन करेंगे। आपको बता दें अभी तक मीन राशि में चल रहे शुक्र 22 मई को मीन से मेष में प्रवेश कर जाएंगे। अभी तक शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में देकर अच्छा फल दे रहे थे लेकिन अब मेष में गोचर के बाद इन पर राहु का साया पड़ जाएगा।

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राशियों पर असर —
यानि अब सांसारिक सुखों के कारण शुक्र का प्रभाव कम हो जाएगा। जिसके चलते ये अच्छा फल नहीं दे पाएंगे। लोगोें के स्वास्थ्य में कमी आएगी। धन वैभव और सांसारिक सुखों का भोग जातक नहीं ले पाएंगे।

आप भी जान लें शुक्र का स्वभाव —

शुक्र ग्रह को संसारिक सुखों का कारक माना जाता है। वृषभ और तुला इनकी स्वराशि हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र अपनी इस स्वराशि में होते हैं तो व्यक्ति को सफलता मिलती है। मीन इस ग्रह की उच्च तो कन्या नीच राशि है। साल की शुरुआत में 4 जनवरी 2022 को होने वाला यह गोचर 4 राशि वालों के वारे—न्यारे करने वाला है।

कुंडली में ऐसे देखें शुक्र की स्थिति —

तुला और वृष शुक्र की स्वराशि हैं। तो वहीं मीन इसकी उच्च राशि है। इसके अलावा कन्या राशि इसकी नीच की राशि है। यानि अगर आपकी कुुंडली में भी शुक्र इन स्थानों में बैठे हैं तो ये अपने भाव के अनुसार शुभ—अशुभ फल देंगे। यानि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र 4, 8 और 12 वें भाव में हैं उन्हें ये कष्टकारी हो सकते हैं। शेष राशियों पर इनका प्रभाव सामान्य रहेगा।

नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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