नई दिल्ली। Budh Margi 2023 अभी तक मेष राशि में वक्री चल रहे बुध दो दिन बाद यानि 15 मई से मार्गी होने जा रहे हैं। बुध का ये गोचर विभिन्न जातकों के साथ—साथ मौसम और राजनीति सभी पर असर डालेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार 15 मई को बुध मेष राशि में ही मार्गी हो जाएंगे। इस दौरान कई बदलाव होंगे। आइए जानते हैं वक्री बुध का क्या असर होगा।
Surya Gochar 2023: 15 मई से हो जाएं सावधान, एक महीने के लिए प्रचंड रूप दिखाएगा ये ग्रह
मौसम और राजनीति में होगा बदलाव — Budh Margi 2023
पंडितों के अनुसार बुध के मार्गी होने से जिन जातकों की कुंडली में बुध नीच का है उन्हें इस दौरान विशेष सावधान रहने की जरूरत है। शेष जातकों को सामान्य फल मिलेगा। इस दौरान मंगल भी वृष राशि में है। इसलिए इनके असर से राजनीति में भी उठापटक हो सकती है।
5 जून को बदलेंगे राशि — Budh Margi 2023
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो 15 मई को बुध की वक्री चाल शुरू होगी, लेकिन इसके करीब 20 दिन बाद एक बार फिर इसके स्थान में परिवर्तन होगा। जिसके बाद बुध राशि चक्र की दूसरी राशि यानि वृष में प्रवेश कर जाएंगे।
Mrityu Panchak 2023: सावधान! कल से पांच दिन बेहद खतरनाक, फूंक-फूंक कर रखें कदम
बुध बुद्धि का है प्रतीक Budh Margi 2023
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार बुध ग्रह बुद्धि, व्यापार, वाणी, सौन्दर्य आदि का कारक माना जाता है। वक्री होने पर कोई भी ग्रह अपनी उल्टी चाल चलने लगता है। पर मेष राशि में ही मार्गी होने पर ये अच्छा प्रभाव देने लगेंगे।
ऐसी होती है बुध ग्रह की प्रकृति — Budh Margi 2023
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी है। Margi Budh 2023 अपने भ्रमण काल के दौरान जब बुध कन्या राशि में आता है तो उसे उच्च का कहा जाता है। जबकि मीन राशि में ये नीच के माने जाते हैं। कन्या राशि 16 से 20 अंश तक यह मूल त्रिकोण में माना जाता है।
Mangal Gochar 2023: सावधान! अपनी नीच राशि में प्रवेश कर गए मंगल, 4 जुलाई तक का समय इनके लिए कष्टकारी
मिश्रित स्वभाव का ग्रह है बुध — Budh Margi 2023
बुध मिश्रित स्वभाव का ग्रह है। पापी ग्रह के साथ होने पर यह पापी हो जाता है। इसे हरा रंग का माना जाता है। किसी जातक का रंग जानने के लिए इसे श्याम Budh Margi 2023 वर्ण का माना जाता है। इसमें पृथ्वी तत्व की प्रधानता होती है। वाणी, बुद्धि, चर्म, वात, पित्त और कफ का विश्लेषण बुध ग्रह से किया जाता है। बुध प्रधान लोग अक्सर लेखक, कवि, गणितज्ञ, बैंकर, सीए, चित्रकार, प्रखर वार्ताकार और तर्क से सब को परास्त करने वाले होते हैं। बुध ग्रह के प्रभाव से लोगों को बैंकर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, व्यवसायिक बनते देखा गया है। अच्छे व्यवसाय के लिए जातक की कुंडली में बुध का मजबूत होना आवश्यक है। बुध राशि के जातक बहुत अच्छे शिल्पकार भी होते हैं। इस ग्रह को वैश्य जाति का ग्रह कहते हैं। इससे प्रभावित जातकों का भाग्योदय 32 वर्ष पर होता है।
Vastu For Cow : जरूर करें गाय से जुड़े ये उपाय, सारे ग्रह बन जाएंगे आपके अनुकूल