Budh Margi 2024 Vrishchik: बीते सप्ताह शुक्र गोचर के बाद अब बुद्धि और विद्या के कारक बुध पांच दिन बाद फिरकी मारने वाले हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार 14 दिसंबर को बुध वृश्चिक राशि में मार्गी हो जाएंगे।
बुध की प्रकृति
बुध एक अत्यंत शांत ग्रह है। यह मिथुन राशि और कन्या राशि का स्वामी होता है। भ्रमण काल के दौरान जब बुध कन्या राशि में आता है उच्च का कहा जाता है।
कन्या राशि 16 से 20 अंश तक यह मूल त्रिकोण में माना जाता है। बुध मिश्रित स्वभाव का ग्रह है। पापी ग्रह के साथ होने पर यह पापी हो जाता है। इसे हरा रंग का माना जाता है।
बुध की उच्च, स्व और नीच राशि कौन सी है
ज्योतिष के अनुसार मिथुन और कन्या बुध की स्व राशि होती है। तो वहीं मीन इसकी नीच राशि है।
वृश्चिक में कब मार्गी होंगे बुध
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार बुध ग्रह वृश्चिक राशि में 14 दिसंबर को वक्री हो जाएंगे।
वक्री होने से क्या होता है
ज्योतिषाचार्य के अनुसार जब कोई भी ग्रह किसी राशि में उल्टी चाल चलता है तो वो वक्री होना कहलाता है। जब कोई ग्रह किसी राशि में सीधी चाल चलता है तो उसे मार्गी चाल चलना कहलाता है।
जब सूर्य और बुध एक साथ एक राशि में आते हैं तो उसे बुधादित्य योग कहा जाता है। आपको बता दें सूर्य पहले ही 14 नवंबर को वृश्चिक राशि में आ गए थे। अब बुध 12 दिसंबर को वृश्चिक राशि में आएंगे।
धनु राशि में कब बनेगा बुधादित्य योग
5 जनवरी को मार्गी रहते हुए बुध जब धनु राशि में प्रवेश करेंगे, तो वे सूर्य के साथ मिलकर बुधादित्य योग बनाएंगे। इसके बाद 14 जनवरी को मकर राशि में सूर्य के गोचर (Surya Gochar Jan 2024) के साथ ही मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर ये बुधादित्य योग (Budhaditya Yog) टूट जाएगा।
24 जनवरी को मकर में गोचर करेंगे बुध
जबलपुर के लोक विजय पंचांग के अनुसार बुध ग्रह 24 जनवरी को धनु से मकर में प्रवेश कर जाएंगे। इस दौरान एक बार फिर बुधादित्य योग बन जाएगा।
देने लगेगा शुभ फल
अभी तक जिन जातकों को बुध अशुभ फल दे रहा था उन्हें मार्गी होने पर शुभ फल मिलने लगेगा।
इसके अलावा जिन जातकों की कुंडली में बुध उच्च (Budh Uchha) और स्वराशि में बैठा है उन जातकों को बुध का गोचर (Budh Gochar 2025) शुभ फल मिलेगा।
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