Mesh me Budha ka Gochar: ग्रहों के राजकुमार बुध तीन दिन बाद अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। अभी तक अपनी नीच राशि मीन में चल रहे बुध का गोचर (Budh ka Gochar) अगली राशि में होने जा रहा है। ज्योतिषाचार्य की मानें तो जब भी बुध बदलता है तो व्यक्ति के वैचारिक जीवन और उसकी बुद्धि पर असर (Budh Gochar Effect) पड़ता है। साथ ही सभी जातकों पर भी असर होता है।
मंगल की राशि में बुध का गोचर (Budh Rashi Parivartan)
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार मीन बुध की नीच की राशि है। लेकिन अब बुध नीच राशि से निकलकर मंगल की राशि मेष में प्रवेश (Meen me Budh ka gochar) करने जा रहे हैं। बुध का मंगल की राशि में गोचर होने से अब बुध के दुष्प्रभाव कम होने लगेंगे। जिससे अब जातकों को इसके अनुकूल परिणाम मिलने लगेंगे।
बुध इस दिन करेंगे मेष में प्रवेश (Budh Gochar in Mesh)
ग्रहों के राजा बुध 25 मार्च होली के दिन को मीन से मेष राशि में प्रवेश करेंगे। सोमवार को धुरैड़ी के दिन सुबह 9:10 बजे से इनका गोचर मेष राशि में होगा। आठ दिन के लिए बुध का ये गोचर होगा।
बुध के गोचर से किसे लाभ-किसे हानि (Budh Gochar Effect)
ज्योतिषाचार्य के अनुसार मेष में बुध के गोचर से चार जातकों को बेहद सतर्क रहने की जरुरत है। इसमें मकर, कन्या, तुला और मीन राशि के जातकों को बुध के गोचर से हानि यानी प्रतिकूल परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। तो वहीं इस दौरान बाकी राशियों के लिए बुध के गोचर से शुभ परिणाम मिलने लगेंगे।
इस भाव में होने पर होते हैं अशुभ (Budh in Kundli)
जब कोई भी ग्रह गोचर करता है तो वह जातक की कुंडली में राशि से गोचर करने वाली राशि तक के चौथे, आठवें और बारहवें भाव पर असर करता है। इसलिए इस गोचर काल से मकर राशि को चौथा, कन्या राशि को आठवां और तुला राशि को बाहरवां पड़ेगा। जिसके कारण इन जातकों को विशेष सतर्क रहने की जरुरत है।
बुध मेष में कब वक्री होंगे (Budh Vakri)
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे के अनुसार बुध मेष राशि में 25 मार्च को प्रवेश करेंगे। इसके बाद आठ दिन तक इस राशि में रहने के बाद 2 अप्रैल को इस राशि में दोपहर 2:56 मिनट पर वक्री हो जाएंगे। एक सप्ताह के लिए इस राशि में व्रकी मतलब उल्टी चाल चलने के बाद वे एक बार फिर राशि बदलेंगे।
बुध कमजोर होने से क्या होता है (Kamjor Budh Effect)
सभी नव ग्रहों में हर ग्रह का अपना स्वभाव होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में बुध कमजोर होता है उसके जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। इससे व्यक्ति के व्यापार, नौकरी, तरक्की में रुकावटें पैदा होने लगती हैं। इतना ही नहीं व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
बुध के उपाय क्या हैं (Budh ke Upay)
जिन जातकों की कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी नहीं हैं उन्हें बुध से जुड़े उपाय करना चाहिए।
बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाने से फायदा होगा।
बुधवार के ही दिन श्रीगणेश को हरी दूर्वा चढ़ाने से भी बुध के स्थिति मजबूत होती है।
बुध के दिन पन्ना रत्न धारण करने से लाभ होता है।
बुध ग्रह के कमजोर होने के संकेत
स्वयं को दूसरों से कम आंकना।
स्वयं की क्षमता पर विश्वास न करना।
बोलने की क्षमता प्रभावित होना।
साफ नहीं बोल पाना।
मेहनत करने के बावजूद भी व्यापार, नौकरी में सफलता न मिलना।
व्यापार में घाटा होना।
पद-प्रतिष्ठा को नुकसान होना
पढ़ाई-लिखाई में मन न लगता।
पढ़ने-लिखने में कमजोर होना।
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