Budha Gochar Effect: अभी तक अपनी नीच राशि में चल रहे बुध ने सोमवार को होली पर अपना राशि परिवर्तन (Rashi Parivaratan) कर लिया है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो बुध का ये राशि परिवर्तन कुछ जातकों के लिए बेहद खास रहने वाला है। तो वहीं कुछ जातकों को आठ दिन बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। चलिए जानते हैं बुध ने अपनी नीच राशि मीन से निकलकर किस राशि में प्रवेश किया है। साथ ही जानेंगे कि अब ये किस राशि में प्रवेश कर गए हैं।
मंगल की राशि में बुध का गोचर
ग्रहों के राजकुमार बुध ने 25 मार्च सोमवार को मीन से मेष (Budh Gochar in Mesh) राशि में प्रवेश (Budh Rashi Parivartan) कर लिया है। आपको बता दें बुध अभी तक अपनी नीच राशि मीन में चल रहे थे। जिसके चलते उनका विभिन्न जातकों पर विपरीत असर पड़ रहा था। लेकिन अब बुध मंगल की राशि मेष में (Meen me Budh ka gochar)सुबह 9:10 बजे प्रवेश कर गए हैं।
आठ दिन के लिए बुध का ये गोचर होगा। ज्योतिषाचार्य की मानें तो जब भी बुध बदलता है तो व्यक्ति के वैचारिक जीवन और उसकी बुद्धि पर असर (Budh Gochar Effect) पड़ता है। साथ ही सभी जातकों पर भी असर होता है।
मिलेगा प्रमोशन, बढ़ेगा इंक्रीमेंट
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार जब बुध अनुकूल असर दिखाता हैं तो व्यक्ति की सोचने, समझने की शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव डालता है। चूंकि बुध अब अपनी नीच राशि से निकले कर मंगल की राशि मेष में प्रवेश (Mesh me Budha ka Gochar ) कर गए हैं। इसलिए लोगों के निर्णय लेने की क्षमता से कुछ जातकों के अधिकारी खुश होंगे। जिसके उनके इंक्रीमेंट और प्रमोशन के योग बनेंगे।
बुध के गोचर से ये रहें सतर्क (Budh Gochar Effect)
ज्योतिषाचार्य के अनुसार मेष में बुध के गोचर से चार जातकों को बेहद सतर्क रहने की जरुरत है। इसमें मकर, कन्या, तुला और मीन राशि के जातकों को बुध के गोचर से हानि यानी प्रतिकूल परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। तो वहीं इस दौरान बाकी राशियों के लिए बुध के गोचर से शुभ परिणाम मिलने लगेंगे।
कुंडली के किस भाव में गोचर होता है अशुभ (Budh in Kundli)
जब कोई भी ग्रह गोचर करता है तो वह जातक की कुंडली में राशि से गोचर करने वाली राशि तक के चौथे, आठवें और बारहवें भाव पर असर करता है। इसलिए इस गोचर काल से मकर राशि को चौथा, कन्या राशि को आठवां और तुला राशि को बाहरवां पड़ेगा। जिसके कारण इन जातकों को विशेष सतर्क रहने की जरुरत है।
बुध मेष में कब होंगे वक्री (Budh Vakri)
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार बुध मेष राशि में 25 मार्च को प्रवेश करेंगे। इसके बाद आठ दिन तक इस राशि में रहने के बाद 2 अप्रैल को इस राशि में दोपहर 2:56 मिनट पर वक्री हो जाएंगे। एक सप्ताह के लिए इस राशि में व्रकी मतलब उल्टी चाल चलने के बाद वे एक बार फिर राशि बदलेंगे।
बुध कमजोर होने से क्या होता है (Kamjor Budh Effect)
सभी नव ग्रहों में हर ग्रह का अपना स्वभाव होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में बुध कमजोर होता है उसके जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। इससे व्यक्ति के व्यापार, नौकरी, तरक्की में रुकावटें पैदा होने लगती हैं। इतना ही नहीं व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
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