हाइलाइट्स
- 10 अप्रैल को बुध का मंगल की राशि में प्रवेश
- बुध की उच्च राशि कन्या और नीच राशि मीन होती है
- इन चार राशियों के लिए अशुभ संकेत
Budh Gochar 2024 Meen: हर महीने बदलती ग्रहों की चाल सभी जातकों को शुभ-अशुभ फल (Grah Gochar ka Asar) देती है। इससे सभी 12 राशियों में किसे के काम बनते हैं और किसी के बिगड़ते हैं।
सभी ग्रह अपनी प्रकृति के अनुसार गोचर करते हैं। ग्रहों के बदलते क्रम में एक बार फिर परिवर्तन होने जा रहा है।
25 दिन पहले अपनी राशि बदला ग्रह आज एक बार फिर गोचर करने जा रहा है। ज्येातिषाचार्यों की मानें तो ग्रहों के राशि परिवर्तन (Grah Gochar May) में स्थान के अनुसार एक दो दिनों का अंतर आता है।
गोचर के दिनों में क्यों होता है अंतर
लोक विजय पंचांग के अनुसार 8 मई यानी आज जो ग्रह राशि बदल रहा है। वही ग्रह हो सकता हैं दूसरे पंचांग (Panchang) और स्थान के अनुसार दो दिन बाद स्थान परिवर्तन करे। पर इसका असर सभी पंचांगों के अनुसार एक होता है।
13 अप्रैल को नीच राशि में किया था प्रवेश
आपको बता दें बुद्धि और ज्ञान के दाता बुध (Budh) ने बीते माह में 13 अप्रैल को नीच राशि में प्रवेश किया था। आपको बता दें कन्या बुध की उच्च राशि और मीन नीच राशि होती है।
पांच राशियों के लिए अशुभ थे संकेत
जब बुध ने अपनी नीच राशि यानी मीन में (Budh Gochar 2024 Meen) गोचर किया था। उस दौरान पांच जातकों के लिए 25 दिन का समय कष्टकारी था। लेकिन अब बुध का एक बार और गोचर (Grah Gochar) कुछ जातकों को सामान्य तो कुछ के लिए अशुभ रहने वाला है।
सभी ग्रहों पर होगा असर
उससे मेष (Mesh) से लेकर मीन (Meen Rashi) तक सभी पर असर पड़ेगा। खास तौर पर चार राशियां ऐसी हैं जिनके लिए करीब 21 दिन तक सतर्क रहने की जरूरत है।
क्या होती है वक्री चाल
ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह की चाल का अपना मतलब होता है। इसमें मुख्य रूप से राशि परिवर्तन, वक्री (Vakri) और मार्गी (Margi) चाल होती है। जब ग्रह एक राशि में उल्टी चाल चलता है तो उसे वक्री (Vakri) होना कहते हैं। जब ग्रह उसी राशि में सीधी चाल चलता है तो इसे मार्गी होना कहते हैं।
क्या होता है राशि परिवर्तन और गोचर
जब एक ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाता है तो वह गोचर (What is Gochar) कहलाता है। इसे राशि परिवर्तन (What is Rashiparivartan) भी कहते हैं।
मेष में बुध गोचर से किसे रहना है सावधान
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार मेष राशि मंगल की राशि (Mangal ki rashi me budh) है। मंगल (Mangal) और बुध (Budh) की समशत्रुता होती है। यानी इस दौरान बुध के गोचर (Budh) के असर जातकों को मिलाजुला असर मिलेगा।
वे मंगल के साथ जब थोड़ी शत्रुता भाव निभाएंगे तो जातकों को कष्ट और विपरीत परिणाम झेलने पड़ेंगे। जब वे मंगल के साथ मित्रता दर्शाएंगे तो इसका फल सामान्य रहेगा।
किस राशि में उच्च के होते हैं बुध
ज्योतिषीय गणित के अनुसार हर ग्रह की एक नीच और एक उच्च राशि होती है। इसी तरह बुध (Budh) की बात करें तो कन्या इसकी उच्च बुध और मीन इसकी नीच राशि कहलाती है।
उच्च राशि में प्रवेश करने पर क्या होता है
ज्योतिष में राशि का उच्च और नीच राशि में प्रवेश करने पर अलग-अलग असर होता है। उच्च राशि में प्रवेश करने पर किसी भी ग्रह की शक्तियां बढ़ जाती हैं। तो वहीं नीच राशि में प्रवेश करने पर उसके प्रतिकूल प्रभाव होते हैं।
समशत्रु की राशि प्रवेश करने पर क्या होता
जब कोई ग्रह अपने समशत्रु राशि में प्रवेश करता है तो सभी जातकों पर उसका मिलाजुला असर दिखाई देता है। समशत्रु यानी शत्रु भी और मित्र भी।
बुध के गोचर से कौन रहें सतर्क
ज्योतिषाचार्य के अनुसार बुध का मेष राशि में प्रवेश (Budh ka mesh Rashi me Gochar) करने पर 12 राशियों में से मकर, कन्या, मीन और मिथुन को सतर्क रहना होगा।
कैसे देखते हैं गोचर का असर
ज्योतिष में गोचर का असर देखने का एक तरीका होता है। जब कोई ग्रह गोचर वाली राशि से जिस राशि के चौथे, आठवें और बारहवें भाव में होता है। उन पर उस गोचर का अशुभ फल पड़ता है।
मेष में बुध गोचर से किसे रहना होगा सतर्क
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार मंगल की राशि मेष में बुध का गोचर चार राशियों को सतर्क देने की सलाह दे रहा है।
ये गोचर मकर राशि वालों को चौथा, कन्या वालों को आठवां और मीन राशि वालों को बारहवें भाव में होगा। इन तीन जातकों को बुध के गोचर से विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। इसी के साथ मीन को भी अलर्ट रहना होगा।
कन्या बुध की उच्च राशि, तो क्यो होगा अशुभ
ज्योतिष में गोचर का असर (Budh Gochar ka Asar) जातक की कुंडली में ग्रह की स्थिति पर निर्भर करता है। कोई भी ग्रह उच्च का स्व राशि का हो, व्यक्ति की कुंडली में यदि उच्च का है तो शुभ फल देने लगता है। इसलिए इस दौरान कन्या राशि वालों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।
बुध कब करेंगे मेष में प्रवेश
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री (9893159724) मई में बुध का गोचर होने जा रहा है। बीते 13 अप्रैल को नीच के हुए बुध आज यानी 8 मई को मीन से मेष में गोचर (Budh Gochar 2024 Mesh) करेंगे।
क्या होगा मेष में बुध गोचर का असर
अभी तक नीच राशि में बुध होने से अशुभ फल दे रहे थे। जो अब थोड़ा शुभ फल देंगे। लेकिन फिर भी जातकों को इस दौरान सतर्क रहना होगा। कुछ कामों में या निर्णय लेने में उनकी बुद्धि भ्रमित हो सकती है।
बुध के उपाय क्या हैं
हर ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने के कुछ न कुछ उपाय होते हैं। जिन जातकों पर बुध के अशुभ या प्रतिकूल प्रभाव रहेगा उन्हें बुध के उपाय (Budh ke Upay) करने से लाभ हो सकता है। इन जातकों को बुधवार के दिन गाय (Cow) को हरा चारा, किन्नरों को बुध के दान (Budh ka Daan) , दालों के दान करने के लाभ होता। हरे फलों का सेवन और दान करने से इनके कष्ट दूर हो सकते हैं।
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नोट: इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य सूचनाओं पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।