/bansal-news/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/06/Business-Bansal-News.jpeg)
नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) सरकार देश में हार्डवेयर क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये आगामी बजट में इस क्षेत्र को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 7,500 करोड़ रुपये का आवंटन कर सकती है।
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट और सर्वर आदि जैसे सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) हार्डवेयर उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये यह प्रोत्साहन दिया जायेगा।
इस सूत्र ने अपनी पहचान नहीं बताने की शर्त पर बताया कि विदेशी कंपनियां पीएलआई योजना के तहत प्रोत्साहन पाने पर नजर लगाये हुये हैं। इन कंपनियों को अगले चार साल के दौरान देश में 500 करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ सकता है। वहीं घरेलू कंपनियों के लिये अगले पांच साल के दौरान यह सीमा 20 करोड़ रुपये तक रखी जा सकती है।
सूत्रों ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) इस योजना के लिये विस्तृत दिशानिर्देश पर जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी लेगी। मंत्रालय को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष से इस योजना को अमल में ला सकती है। इसके लिये प्रोत्साहन आवंटन 7,500 करोड़ रुपये के दायरे में रह सकता है।’’
सरकार ने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिये 10 क्षेत्रों के लिये दो लाख करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है। मोबाइल उपकरणों के क्षेत्र में प्रमुख वैश्विक कंपनियों एप्पल के अनुबंधीय विनिर्माण और सैमसंग के आकर्षण को देखते हुये यह योजना अमल में लाई जा सकती है।
मोबाइल उपकरण्ण उद्योग की संस्था आईसीईए के अनुसार भारत में नीतियों के हस्तखेप के जरिये 2025 तक लैपटॉप और टेबलेट विनिर्माण की क्षमता को सात लाख करोड़ रुपये से अधिक तक ले जाने की क्षमता है। लैपटॉप और पीसी टेबलेट के घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने से वैश्विक बाजार में भारत का हिस्सा मौजूदा एक प्रतिशत से बढ़कर 26 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
भाषा
महाबीर मनोहर
मनोहर
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें