नई दिल्ली।सरकार वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट को बनाने की कवायद सोमवार से शुरू करने जा रही है। माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष का सरकार का वार्षिक बजट सुस्त वैश्विक परिदृश्य के बीच वृद्धि को प्रोत्साहन देने के उपायों पर केंद्रित होगा। बजट की प्रक्रिया की शुरुआत विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ चालू वित्त वर्ष 2022-23 के व्यय के संशोधित अनुमानों (आरई) और 2023-24 के लिए कोष की जरूरत पर विचार-विमर्श के साथ शुरू होगी। सोमवार को पहले दिन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय और युवा मामले और खेल मंत्रालय के साथ संशोधित अनुमानों पर बैठकें होंगी।
चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों और 2023-24 के लिए बजट अनुमानों पर ज्यादातर बैठकों की अध्यक्षता वित्त सचिव और व्यय सचिव करेंगे। वित्त मंत्रालय के बजट प्रभाग के अनुसार, एक माह तक चलने वाला यह विचार-विमर्श 10 नवंबर को सहकारिता मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण विभाग, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, रेल मंत्रालय और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ बैठकों के साथ पूरा होगा। बजट-पूर्व बैठकों के बाद 2023-24 के लिए बजट अनुमानों को अस्थायी तौर पर अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
ये बैठकें ऐसे समय होने जा रही हैं जबकि कई संस्थानों मसलन भारतीय रिजर्व बैंक और विश्व बैंक ने भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर क्रमश: सात प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत कर दिया है। यह नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पांचवां बजट होगा। अप्रैल-मई 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले यह आखिरी पूर्ण बजट होगा। चुनावी साल में सरकार सीमित अवधि के लिए लेखानुदान पेश करती है। उसके बाद बजट जुलाई में पेश किया जाता है। वित्त वर्ष 2023-24 का बजट एक फरवरी, 2023 को पेश किए जाने की उम्मीद है।