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बजट 2021: पीएमएफएआई की कीटनाशकों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की मांग

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Bhasha
भारत ने 2015-20 के दौरान व्यापार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए: डब्ल्यूटीओ

नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) पेस्टिसाइड मैनुफैक्चरर्स एंड फार्मुलेटर्स एसोसएिशन ऑफ इंडिया (पीएमएफएआई) ने मांग की है कि आगामी बजट में सरकार को खेती के कामकाज में उपयोग किये जाने वाले बीज और उर्वरकों की तरह ही कीटनाशकों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करना चाहिए।

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एक बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, सरकार को घरेलू कृषि रसायन उद्योग की सुरक्षा के लिए ‘टेक्नीकल’ और तैयार कीटनाशकों पर आयात शुल्क 20-30 प्रतिशत तक बढ़ाने के अलावा कीटनाशकों के ड्यूटी ड्राबैक (निर्यात लाभ) को वर्तमान दो प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत करना चाहिए।

पीएमएफएआई ने सरकार से ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत स्वदेशी मध्यवर्ती और तकनीकी ग्रेड कीटनाशकों के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए वित्तीय सहायता और अन्य विकास सहायता दिये जाने का आग्रह किया।

इसमें कहा गया है कि देश में लगभग 200 से अधिक छोटे, मध्यम और बड़े पैमाने पर भारतीय कीटनाशक निर्माताओं, फॉर्मूलेटरों, और व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली- पीएमएफएआई की चार प्रमुख मांगें थीं, जो उर्वरक और रसायन मंत्रालय को दिये गये ज्ञापन में शामिल किया गया है।

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पीएमएफएआई के अध्यक्ष प्रदीप दवे ने कहा, “जीएसटी कटौती से भारत में कुल किसानों में से तीन-चौथाई किसानों को अपने दायरे में लाने में मदद मिलेगी, जो फिलहाल बाहर हैं। इससे इन किसानों को, राजकोष को कोई खास नुकसान पहुंचाए बिना अपनी फसलों की रक्षा करने में मदद मिलेगी। इससे किसानों को कम से कम नुकसान और फसलों की कटाई का बेहतर लाभ लेने में मदद मिलेगी।’’

कृषि ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसने पिछली तिमाही में अपनी जिजीविषा को दिखाया है और 3.5-4 प्रतिशत की वृद्धि की है। मौजूदा आर्थिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, यह भारतीय कृषि के सतत विकास के लिए विशेष ध्यान और समर्थन दिये जाने की मांग करता है।

केंद्रीय बजट एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा।

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भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय

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