Advertisment

Budget 2021: जानिए बजट का इतिहास, मोदी सरकार के एक फैसले ने कैसे सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़ा?

Budget 2021: जानिए बजट का इतिहास, मोदी सरकार के एक फैसले ने कैसे सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़ा?Budget 2021: Know the history of budget, how a decision of Modi government broke the tradition that has been going on for years

author-image
Bansal Digital Desk
Budget 2021: जानिए बजट का इतिहास, मोदी सरकार के एक फैसले ने कैसे सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़ा?

Image source- @DDNewslive

नई दिल्ली। 1 फरवरी 2021 यानी कि बजट का दिन (Budget 2021), इस दिन का सभी को इंतजार रहता है। हर व्यक्ति उम्मीद लगाए रहता है कि इस बजट में उन्हें क्या छूट मिलने वाली है और क्या महंगा होने वाला है। बजट को अगर हम आम भाषा में संमझे तो यह एक प्रकार का ड्राफ्ट है जिससे देश के विकास की रूपरेखा तय की जाती है। अगर हम इसके इतिहास की बात करें तो बजट 180 साल पुराना हो गया है। देश का पहला बजट आजादी से पहले 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटश सरकार में वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। इसके बाद बजट को परम्परागत तरीके से फरवरी माह में पेश किया जाने लगा। लेकिन क्या आपको पता है, 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट कभी महिने के अंत में पेश किया जाता था। अगर नहीं पता है तो आज हम आपको बजट के इतिहास के बारे में बताएंगे।

Advertisment

पहले बजट को फरवरी के अंत में पेश किया जाता था

बता दें कि, देश में साल 1924 से लेकर 1999 तक बजट को फरवरी के अंत में पेश किया जाता था यानी 28 या 29 फरवरी को। लेकिन मोदी सकार ने 2017 में बजट के समय में बदलाव कर दिया। सरकार ने इसे 1 फरवरी को पेश करने की नई परंपरा शुरू की। प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और 1 जून के बाद देश में बारिश हो जाती है। ऐसे में जब बजट फरवरी के अंत में पेश किया जाता है तो खेती के नजरिए से तीन महीने में बजट का इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाता है। वहीं अगर इसे 1 फरवरी को पेश किया जाता है तो एक महिने का अतिरिक्त समय मिल जाता है।

1999 तक बजट को शाम के पांच बजे पेश किया जाता था

वहीं 1924 से लेकर 1999 तक बजट को फरवरी के अंतिम दिन शाम के पांच बजे पेश किया जाता था। ऐसा इसलिए किया जाता था क्योंकि ये परम्परा हमें अंग्रेजों ने विरासत में दिया था। भारत में जब शाम के पांच बजे बजट को पेश किया जाता था तो उस समय ब्रिटेन में दोपहर के 11.30 बज रहे होते थे और वहां के सांसद लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स और हाउस ऑफ कॉमंस में बैठकर भारत का बजट भाषण सुनते थे। यही कारण है कि आजादी के बाद भी इस प्रचलन को निभाया जाता रहा और 1999 तक इसे शाम के 5 बजे ही पेश किया जाता था। वहीं दूसरा कारण ये था कि जब भारत में शाम के पांच बजते थे तो लंदन में उसी समय स्टॉक एक्सचेंज भी खुलता था। ऐसे में भारत में कारोबार करने वाली कंपनियों के हित बजट से ही तय होते थे। इस कारण से भी इसे उस समय शाम के पांच बजे पेश किया जाता था

इस बार का बजट इस कारण से है खास

साल 2021 के बजट में भी एक परंपरा को तोड़ा गया है। इस बार बजट को पूरी तरह से पेपरलेस रखा गया है। जबकि अब तक जितने भी बजट पेश हुए हैं उन्हें प्रिंट करके पेश किया जाता रहा है। इसके लिए वित्त मंत्रालय पहले अपने प्रेस में बजट पेपर की छपाई करता था। जिसके लिए करीब 100 कर्मचारियों को लगाया जाता था। बजट को छपकर तैयार होने में भी 15 दिनों का वक्त लगता था। लेकिन इस बार सरकार ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए बजट को पेपरलेस पेश किया जा रहा है। वहीं इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने एक परंपरा को तोड़ा था। उस समय उन्होंने बजट को ब्रीफकेस की बजाय फीते से बंधे एक लाल कपड़े में लेकर आईं थीं।

Advertisment
Bansal News Nirmala Sitharaman Budget 2021 budget 2021 analysis budget 2021 and stock market budget 2021 banking sector budget 2021 date expectations budget 2021 defence budget 2021 expectations budget 2021 expectations in hindi budget 2021 focus budget 2021 highlights budget 2021 bansal news budget 2021 india budget 2021 live budget 2021 live hindi budget 2021 stocks budget 2021-22
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें