नई दिल्ली। अगर आपके हाथ बबल रैप Bubble Wrap में पैक किया कोई सामान आ जाए। तो सबसे पहले उसे उठाकर पट—पट फोड़ना शुरू कर देते हैं। इतना ही नहीं उससे निकलने वाली पट—पट की आवाज सुनकर इतना सुकून मिलता है कि कोई दिन भर फुड़वाले तो समय कम न पड़े। बबल रैप को फोड़ना बचपन की कुछ ऐसी खास आदतों में से है, जो हम बड़े होकर भी नहीं छूटती। बच्चों के इस खेल में हम भी बच्चे बन जाते हैं। पर आपने कभी सोचा है कि इसे फोड़ने में इतना मजा क्यों आता हैं। यदि नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं इसके पीछे का मनोवैज्ञानिक कारण क्या है।
तरंगे मचाती हैं खलबली
विशेषज्ञों की मानें तो एक शोध में पाया गया है कि जब हमारे हाथ में कोई छोटी सी स्पंजी या लचीजी चीज आती है तो इस दौरान हमारे हाथों में एक खास तरह की तरंगे खलबली मचाती हैं और ये तरंगे ही हमें उस चीज को दबाने और फोड़ने के लिए बारर—बार मजबूर करती है।
तनाव में मिलता है सुकून
जानकारों की मानें तो जब हम तनाव की स्थिति में होते हैं और ऐसी स्थिति में अगर हम किसी छोटी स्पंजी चीज को पकड़ लें तो हमें बेहद सुकून महसूस होता है। ऐसे में जब हम इन बबल रैप के मजेदार बबल्स को फोड़ना शुरू करते हैं तो इसे लगातार करते रहने का मन करता है। जो हमारे तनाव को दूर करने में कॉफी मददगार साबित होता है।
भटक जाता है ध्यान
इस पर की गई एक रिसर्च व स्टडी में पाया गया है कि बबल रैप में एक आकर्षण होता है। जिससे हमारा कोन्सनट्रेशन इसे फोड़ने में रहता है। इसे फोड़ने में हम इतने लीन हो जाते हैं कि अपना तनाव भूलकर सुकून महसूस करने लगते हैं।