नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के भागलपुर की पूर्व अपर जिला दंडाधिकारी (एडीएम) और उनके परिवार के खिलाफ कथित रूप से आय से अधिक संपत्ति के मामले से जुड़े धनशोधन की जांच के सिलसिले में 6.84 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। ईडी ने एक बयान में कहा कि पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर के 15 प्लॉट, 1.53 करोड़ रुपये से अधिक के फ्लैट, 42 बैंक खातों में जमा 5,05,02,511 रुपये की राशि और ठाकुर एवं उनके परिवार के सदस्यों की 12 अलग-अलग बीमा पॉलिसी के 26,00,123.39 रुपये के ‘‘समर्पण मूल्य’’ को कुर्क करते हुए धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है।
धनशोधन का ईडी मामला ठाकुर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ बिहार पुलिस की 2013 की एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें ‘‘एक लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग कर, भ्रष्ट और अवैध तरीकों से 13,98,38,213 रुपये की आय से अधिक संपत्ति हासिल करने’’ का आरोप है। ईडी ने कहा कि उसकी जांच में पता चला, ‘‘12 जनवरी 1987 से 30 जून 2013 की अवधि के दौरान जयश्री ठाकुर ने बिहार सरकार के विभिन्न सेवओं और पदों पर तैनाती के दौरान भ्रष्ट आचरण के माध्यम से 13,98,38,213 रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की और अपने पद का दुरुपयोग किया।’’ चल और अचल संपत्ति के रूप में आय से अधिक संपत्ति उनके अलावा उनके पति राजेश कुमार चौधरी, बेटे ऋषिकेश चौधरी और बेटी राजश्री चौधरी के नाम पर थी।