Advertisment

राजद्रोह के आरोप में हिरासत में लिए गए मणिपुर के दोनों पत्रकार गलती स्वीकार करने के बाद रिहा

author-image
Bhasha
देश में रविवार तक कुल 2,24,301 लाभार्थियों को कोविड-19 का टीका लगाया गया: सरकार

इंफाल, 18 जनवरी (भाषा) ‘‘क्रांतिकारी विचारधारा को समर्थन देने वाला’’ लेख अपनी समाचार वेबसाइट पर प्रकाशित करने के बाद राजद्रोह के आरोप में हिरासत में लिए गए दो पत्रकारों ने स्वीकार किया कि भूलवश यह प्रकाशित हो गया, जिसके बाद मणिपुर पुलिस ने सोमवार को उन्हें रिहा कर दिया।

Advertisment

पुलिस ने फ्रंटियर मणिपुर ऑनलाइन समाचार पोर्टल के कार्यकारी संपादक पाओजेल चाओबा और प्रधान संपादक धीरेन साडोकपाम पर अवैध गतिविधियां निवारण कानून (यूएपीए) के तहत भी मामला दर्ज किया था।

वेबसाइट पर आठ जनवरी को एम. जॉय लुवांग द्वारा लिखा लेख ‘‘रिवॉल्यूशनरी जर्नी इन ए मेस’’ प्रकाशित करने के बाद यह कदम उठाया गया। इसमें मणिपुर के ‘‘क्रांतिकारी समूहों’’ की अपने उद्देश्यों से भटक जाने के लिए आलोचना की गई थी।

इंफाल वेस्ट के पुलिस अधीक्षक पी. के. मेघाचंद्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘जांच प्रक्रिया के तहत उन्हें रविवार की शाम को हिरासत में लिया गया था।’’

Advertisment

उन्होंने कहा कि दोनों पत्रकारों ने लिखित में स्वीकार किया कि सूत्र ‘‘अपुष्ट’’ थे और भूलवश लेख छप गया तथा आगे इस तरह की गलतियां नहीं होंगी। मेघाचंद्र के अनुसार, इसके बाद सोमवार की दोपहर उन्हें रिहा कर दिया गया।

पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी।

चाओबा ने पुलिस को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं स्वीकार करता हूं कि यह हमारी भूल थी। भविष्य में इस तरह की गलती नहीं होगी।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘सूत्र अपुष्ट थे और यह एक व्यक्ति एम. जॉय लुवांग की तरफ से आया।’’

Advertisment

भाषा नीरज नीरज मनीषा

मनीषा

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें