Bombay High Court: शनिवार 20 जुलाई को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम को लेकर एक टिप्पणी की। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने एक मामले में सुनवाई के दौरान माना कि केंद्र सरकार ने अपनी शक्तियों के तहत दाऊद इब्राहिम को उसकी व्यक्तिगत हैसियत में आतंकवादी घोषित किया है।
मगर इसके लिए डी-कंपनी के साथ जुड़े किसी भी व्यक्ति का संबंध गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम की धारा 20 के अनुसार आतंकवादी संगठन का सदस्य होने के लिए दंडनीय नहीं किया जा सकता है। यह टिप्पणी जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी के साथ जुड़े होने और ड्रग्स जब्ती मामले में गिरफ्तार किए गए दो लोगों को जमानत देते हुए की।
लोग वैद को डी-कंपनी से सदस्य के तौर पर जानते थे
मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के जजों ने कहा कि दाऊद को केंद्र सरकार द्वारा 4 सितंबर 2019 को एक अधिकसूचना जारी की गई थी, जिसमें UAPA Act के तहत चौथी अनुसूची में आतंकवादी घोषित किया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने आगे कहा कि सिर्फ कुछ गवाहों ने धारा 164 के बयानों में यह गवाबी दी थी कि वह आवेदक वैद को डी-कंपनी के सदस्य के तौर पर जानते थे। वैद की ओर से एक ऐसे व्यक्ति के कहने पर 25 हजार रुपए का लेने देन किया जो कि सीधा दाऊद के साथ निकटता से रखता था।
अभियोजन पक्ष की तरफ से कहा कि गुप्त सूचना पर भरोसा किया गया, जिसमें ये कहा गया कि दाऊद का करीबी विश्वासपात्र अनीस इब्राहिम अपने गिरोह के कुछ लोगों के साथ मिलकर भारत में कई अवैध गतिविधियों को अंजान कर रहा है। इसके तरह अगस्त 2022 में वैद के घर पर तलाशी ली गई और उसके वहां से दो फोन को जब्त किया गया था।
600 ग्राम गांजा की मात्रा काफी कम थी
वहीं, दूसरे आवेदककर्ता फैज भिवंडीवाला को आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने मुखबिर की सूचना के मद्देनजर की गई छापेमारी के दौरान उसके कब्जे से 600 ग्राम गांजा मिलने के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
इसपर खंडपीठ ने कहा कि भिवंडीवाला से बरामद की गई गांजा की मात्रा काफी कम थी, जिसकी वजह से उसे जेल में नहीं रखा जा सकता है। साथ ही यह भी कहा कि एटीएस ने इस तथ्य पर यकीन किया कि आवेदक भिवंडीवाला ने वैद के साथ ड्रग्स की कुछ तस्वीरें साझा की थीं और दोनों ने विकर मी नाम के एक ऐप से नशीले पदार्थों का ऑर्डर करने के लिए डॉर्क नेट का उपयोग किया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि भिवंडीवाला के पास से सिर्फ 600 ग्राम गांजा मिला है। यह निश्चित रूप से यह सजा देने लायक नहीं है, क्योंकि यह मात्रा काफी छोटी है। खंडपीठ ने आगे कहा कि NDPS ACT की धारा 37 के मुताबिक उसे जमानत पर रिहा करने पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।
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