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BMHRC Nursing Student Death
हाइलाइट्स
BMHRC की नर्सिंग छात्रा शुभांगिनी की मौत, पर बवाल
छात्रों ने BMHRC प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप
पहले BMHRC में इलाज, फिर घर भेजा, बाद में एम्स में भर्ती कराया
BMHRC Nursing Student Death: भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) की नर्सिंग छात्रा शुभांगिनी (23) की मौत के बाद साथी छात्रों में जबरदस्त आक्रोश है। स्टूडेंट्स ने BMHRC प्रबंधन पर लापरवाही और खराब भोजन-पानी देने का आरोप लगाया। निदेशक को हटाने और निष्पक्ष जांच की मांग की गई। एनएसयूआई ने छात्रों का समर्थन किया।
जानकारी के अनुसार, बालाघाट की रहने वाली फर्स्ट ईयर की छात्रा शुभांगिनी का इलाज पहले बीएमएचआरसी (BMHRC) और फिर बालाघाट और एम्स भोपाल में किया गया, जहां सोमवार, 22 सितंबर को उसकी ICU में मौत हो गई।
प्रदर्शन की तस्वीरें...
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नर्सिंग छात्रा शुभांगिनी की मौत के विरोध में प्रदर्शन करते BHMRC के स्टूडेंट्स।[/caption]
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नर्सिंग छात्रा शुभांगिनी की मौत के विरोध में प्रदर्शन करते BHMRC के स्टूडेंट्स।[/caption]
BMHRC की लापरवाही ने ली शुभांगिनी जान
स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि यह मौत अस्पताल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही का नतीजा है। नर्सिंग स्टूडेंट सोना पटेल का कहना है कि BMHRC प्रबंधन संवेदनहीनता के साथ-साथ छात्राओं के चरित्र पर सवाल उठाने का काम रहा है।
नर्सिंग स्टूडेंट खुशांश ने कहा है कि शुभांगिनी को हॉस्टल में मिले खराब भोजन और दूषित पानी से बीमार होने के बावजूद क्लिनिकल ड्यूटी (Clinical Duty) करने पर मजबूर किया गया। हालत बिगड़ने पर भी समय पर इलाज नहीं दिया गया और छुट्टी पर भेज दिया।
इस मामले ने संस्थान की कार्यप्रणाली और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्र डायरेक्टर को हटाने और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
6 सितंबर को बिगड़ी थी छात्रा की तबीयत
शुभांगिनी की तबीयत 6 सितंबर को बिगड़ी थी। पहले बीएमएचआरसी में उसका इलाज चला, लेकिन सुधार न होने पर परिजन उसे बालाघाट ले गए। वहां स्थानीय अस्पताल में तीन-चार दिन इलाज के बाद उसे एम्स भोपाल रेफर किया गया। आईसीयू में भर्ती होने के बावजूद सोमवार को उसकी जान चली गई।
स्टूडेंट्स बोले- इलाज करने के बजाय घर भेज दिया गया
स्टूडेंट्स का कहना है कि खराब खाना और गंदा पानी एक पुरानी समस्या है। बीमार होने के बावजूद छात्रा को क्लिनिकल ड्यूटी करने के लिए मजबूर किया गया। जब उसकी हालत गंभीर हो गई, तब भी उसे सही इलाज देने के बजाय घर भेज दिया गया।
छात्राओं ने यह भी कहा कि निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने समस्याओं पर बात करने के बजाय उनके चरित्र पर सवाल उठाए और मुद्दों को बदल दिया।
NSUI ने छात्रों का समर्थन किया
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि बीएमएचआरसी की स्थिति बहुत खराब हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल की सेवाओं पर ध्यान देने के बजाय निदेशक टेंडरों और निजी डायग्नोस्टिक सेंटर के प्रचार में लगे हुए हैं। इसके विरोध में और एक छात्रा को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंपस में कैंडल मार्च आयोजित किया जा रहा है।
तीन और छात्राओं की तबीयत खराब हुई
छात्रों का कहना है कि खराब खाना और गंदा पानी पीने से तीन और छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई है। शिकायतें काफी समय से की जा रही थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अस्पताल में इमरजेंसी के लिए इलाज की सही व्यवस्था भी नहीं है। बीएमएचआरसी ने कहा- आरोप बेबुनियाद हैं बीएमएचआरसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बीएमएचआरसी प्रशासन को 22 सितंबर को पता चला कि नर्सिंग कॉलेज की फर्स्ट इयर की छात्रा शुभांगीनी दशहरे का भोपाल के एक अस्पताल में निधन हो गया है। यह पूरे बीएमएचआरसी के लिए एक दुखद समय है।
मंगलवार सुबह जब नर्सिंग कॉलेज के कुछ छात्र प्रशासनिक परिसर में अपनी बात रखने आए, तो बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने खुद उनसे मुलाकात की। छात्रों की सभी बातों को गंभीरता से सुना गया और त्वरित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया।
छात्रों द्वारा लगाए गए आरोप कि संस्था की कैंटीन में मिलने वाले खाने और पानी की गुणवत्ता खराब है, पूरी तरह से निराधार हैं। संस्थान में पीने के पानी की समय-समय पर वैज्ञानिक जांच कराई जाती है। हाल ही में 9 सितंबर 2025 को कराई गई जांच में पानी पूरी तरह से सुरक्षित पाया गया।
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छात्रों की मांगें
- बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक को तुरंत पद से हटाया जाए।
- छात्रा की मौत की उच्च-स्तरीय और निष्पक्ष जांच की जाए।
- दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो और परिवार को मुआवजा मिले।
- नर्सिंग छात्रों को सुरक्षित और स्वास्थ्यपूर्ण माहौल मुहैया कराया जाए।
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