Blue White Aadhaar Card: आज के समय में आधार कार्ड हर भारतीय नागरिक के लिए एक आवश्यक पहचान पत्र बन गया है। यह दस्तावेज न केवल आपकी पहचान प्रमाणित करता है, बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं, सेवाओं और वित्तीय लेन-देन में भी इसकी जरूरत पड़ती है। आमतौर पर हम सभी ने सफेद रंग का आधार कार्ड देखा है, लेकिन क्या आपने कभी नीले रंग का आधार कार्ड देखा है? और अगर हां, तो क्या आप जानते हैं कि इसका उपयोग किसके लिए होता है? आइए जानते हैं नीले और सफेद आधार कार्ड के बीच का अंतर।
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सफेद आधार कार्ड (सामान्य आधार कार्ड)
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यह आधार कार्ड उन नागरिकों को जारी किया जाता है जिनकी उम्र 5 वर्ष या उससे अधिक होती है।
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इसमें व्यक्ति की जनसांख्यिकीय जानकारी (नाम, जन्मतिथि, पता आदि) के साथ-साथ बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन) भी शामिल होता है।
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बायोमेट्रिक जानकारी 5 साल से ऊपर के लोगों के लिए अनिवार्य होती है।
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यह कार्ड पहचान और पते का प्रमाण होता है और सरकारी योजनाओं के लाभ उठाने के लिए जरूरी है।
नीला आधार कार्ड (बाल आधार)
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नीला आधार कार्ड 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए विशेष रूप से जारी किया जाता है और इसे ‘बाल आधार’ कहा जाता है।
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इस कार्ड में बच्चे की फोटो और जनसांख्यिकीय जानकारी (नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, पता आदि) शामिल होती है।
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इस उम्र के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया जाता, क्योंकि इस उम्र में बायोमेट्रिक्स स्थायी नहीं होते।
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बाल आधार के जरिए छोटे बच्चों को भी पहचान मिलती है और वे कई सरकारी सेवाओं और लाभों के लिए पात्र बनते हैं।
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जब बच्चा 5 साल का हो जाता है, तब उसका बायोमेट्रिक अपडेट करवाना जरूरी होता है।
सफेद आधार कार्ड वयस्कों और 5 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए है, जिसमें पूरी पहचान और बायोमेट्रिक डेटा होता है, जबकि नीला आधार कार्ड केवल छोटे बच्चों के लिए होता है जिसमें बायोमेट्रिक की आवश्यकता नहीं होती। दोनों की उपयोगिता अपने-अपने स्थान पर महत्वपूर्ण है। अगर आप अपने बच्चे का बाल आधार बनवाना चाहते हैं, तो नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
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