Bletchley Declaration: आज के तकनिकी दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मानव सभ्यता के अस्तित्व को खतरा पंहुचा सकता है या नहीं ? ये सवाल हर व्यक्ति के मन में आने अलग है।
आज के दौर में कई युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की वजह से नौकरियां गवाना पड़ रहा है। क्यूंकि मानव से ज्यादा जल्दी ओर सही काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कर रहा है।
लेकिन इस समस्या के समाधान ओर विचार मंथन के लिए हाल ही में AI को लेकर सुरक्षा शिखर सम्मेलन में विश्व के 28 देशों और यूरोपियन यूनियन ने बैलेचले घोषणापत्र (Bletchley Declaration) पर दस्तखत किए हैं।
आइये जानतें हैं क्या है बैलेचले घोषणापत्र (Bletchley Declaration) ?
बैलेचले घोषणापत्र का उद्देश्य “फ्रंटियर एआई” द्वारा उत्पन्न जोखिमों और अवसरों की साझा समझ को विश्व भर में स्थापित करना है।
इस शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ सहित 28 प्रमुख देशों ने एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
बता दें फ्रंटियर एआई एक संभावित खतरनाक क्षमताओं वाले अत्यधिक उन्नत जेनरेटिव एआई मॉडल है जो जनता की सार्वजनिक सुरक्षा के लिए बड़ा जोखिम पैदा कर सकता है।
सम्मलेन में भारत ने कही ये बात
भारत द्वारा इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों के साथ अपने विचारों का तालमेल बिठाते हुए एआई से होने वाले जोखिमों को प्रभावी ढंग सुलझाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
बता दें भारतीय आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर का यह कहना है कि कही न कहीं एआई , सुरक्षा और विश्वास को रिप्रेजेंट करता है। आईटी राज्य मंत्री द्वारा कहा गया कि भारत का दृष्टिकोण शुरू में एआई को रेगुलेट करने में झिझकता था।
लेकिन अब भारत जोखिम-आधारित नियमों को सक्रिय रूप से विकसित किया है।
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