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Black Fungus: प्रदेश में ब्लैक फंगस का बढ़ रहा खतरा, एक ही दिन में हमीदिया अस्पताल में पांच मरीजों की मौत

Black Fungus: प्रदेश में ब्लैक फंगस का बढ़ रहा खतरा, एक ही दिन में हमीदिया अस्पताल में पांच मरीजों की मौत Black fungus is increasing day by day, five people died in Hamidia Hospital in a single day

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Bansal News
Black Fungus: प्रदेश में ब्लैक फंगस का बढ़ रहा खतरा, एक ही दिन में हमीदिया अस्पताल में पांच मरीजों की मौत

भोपाल। प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई है। रोजाना हजारों लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए। वहीं हजारों लोग अब तक कोरोना के कारण काल के गाल में समा गए हैं। अब कोरोना का खतरा अभी टला नहीं था कि ब्लैक फंगस का संकट मंडराने लगा है। ब्लैक फंगस दिन पर दिन पैर पसारता दिख रहा है। ब्लैक फंगस यानी म्युकरमायकोसिस का संक्रमण अब तक प्रदेश के 29 जिलों में फैल चुका है। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में एक ही दिन में 5 लोगों ने दम तोड़ा है।

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वहीं प्रदेश में अब तक 42 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से 13 लोगों ने रविवार को दम तोड़ा है। वहीं राजधानी के अकेले हमीदिया अस्पताल में भी पांच लोगों की मौत हुई है। भोपाल में अब तक ब्लैक फंगस की चपेट में आने से 19 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं ग्वालियर में तीन लोगों की मौत हुई है। ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाले इंजेक्शन एंफोटेरेसिन-बी की भी कमी बनी हुई है। बता दें कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने से पहले ही ब्लैक फंगस का विकराल रूप बढ़ता जा रहा है। रोजाना नए मरीज सामने आ रहे हैं।

फंगल डिजीज है ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस एक फंगल डिजीज है। जो म्यूकॉरमाइटिसीस नाम के फंगाइल से होता है। ये ज्यादातर उन लोगों को होता है जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो या वो ऐसी मेडिसिन ले रहे हों जो बॉडी की इम्युनिटी को कम करती हों। ब्लैक फंगस शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। लेकिन ज्यादातर मामले आंखों में देखे जा रहे हैं। ब्लैक फंगस ज्यादातर मामलों में सांस के जरिए वातावरण से हमारे शरीर में पहुंचता है। अगर आपके शरीर में कही घाव है तो यह सबसे पहले वहां हमला करता है और इंफेक्शन को पूरे शरीर में भी फैला सकता है।

ज्यादातर मामलों में इससे आंखो की रोशनी चली जा रही है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ आंखों पर ही हमला करता है। यह आपके शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकता है और शरीर के उस हिस्से को सड़ा सकता है। हालांकि अच्छी बात ये है कि यह एक रेयर इंफेक्शन है। इस कारण से ज्यादातर लोग इसके चपेट में नहीं आते। ये फंगस वातावरण में कही भी हो सकता है। खासतौर पर इसे जमीन और सड़ने वाले ऑर्गेनिक मैटर्स में पनपते हुए देखा गया है। सड़ी हुई लकड़ियों और कम्पोस्ट खाद में ये सबसे ज्यादा पाया जाता है।

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