कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद स्थिति एकदम पटल गई है। जहां चुनावों से पहले टीएमसी से बीजेपी जाने वालों की लाइन लगी थी, अब इसके उलट बीजेपी से टीएमसी में आने के लिए भगदड़ मची हुई है। तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद बीजेपी के खेमे में खलबली मची हुई है। बंगाल के बीरभूम जिले एक साथ 300 भाजपा कार्यकर्ता शुक्रवार को टीएमसी में वापस लौटे। मुकुल रॉय की घर वापसी के बाद टीएमसी में कई बड़े नाम शामिल होने की लाइन में लगे हुए हैं।
प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं में शामिल अशोक मंडल ने कहा, “हम चाहते थे कि टीएमसी हमें वापस ले। बीजेपी ज्वॉइन करके हमने अपने गांव में विकास कार्यों को रोक दिया है। बीजेपी की ओर से लगातार प्रदर्शन ने फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा किया है। हम स्वयं पार्टी में वापस लौटना चाहते थे। जब तक हमें वापस नहीं लिया जाता है, हम धरना प्रदर्शन करते रहेंगे।” प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को सुबह 8 बजे से प्रदर्शन करना शुरू किया और दोपहर के 11 बजे गंगा जल के छिड़काव के साथ प्रदर्शन खत्म हो गया।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए करीब 50 कार्यकर्ता सोमवार को फिर से ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए। इन कार्यकर्ताओं ने पार्टी में वापस लिए जाने को लेकर धरना भी दिया। इस महीने की शुरुआत में भाजपा के पांच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने धरना देते हुए घोषणा की थी कि उन्होंने पार्टी छोड़ने और तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है ताकि वे बनर्जी के नेतृत्व में ‘‘मां, माटी, मानुष’’ के लिए काम कर सकें।