WSJ : भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते कद की आहट अब दुनिया में भी हो चली है। अमेरिका के प्रमुख अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के ओपिनियन में भारतीय जनता पार्टी को दुनिया को सबसे महत्वपूर्ण पार्टी बताया है। WSJ ने लिखा है कि यह पार्टी 2014 का लोकसभा चुनाव जीतकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की सत्ता में आई थी। उसके बाद इसने 2019 में लगातार दूसरा चुनाव जीता, और तीसरी बार साल 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की तरफ बढ़ रही है।
अमेरिका के प्रमुख अखबार, वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक ऑपिनियन लेख निकट भविष्य में BJP एक ऐसे देश में अपना वर्चस्व बनाएगी , जिसकी मदद के बिना बढ़ती चीनी शक्ति को संतुलित करने के अमेरिकी प्रयास असफल हो जाएगा। ” आलेख में लिखा गया है कि भारत एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में और जापान के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति के महत्वपूर्ण देश के रूप में उभर रहा है। भारत के बिना अमेरिका चीन को बैलेंस नहीं कर पाएगा।
मोदी पर सवाल उठाना गलत भी नहीं
अमेरिकी अखबार WSJ ने लिखा कि अमेरिका विश्लेषक, खासतौर पर जो लेफ्ट विचारधारा रखते है, वो अक्सर मोदी पर कई सवाल उठाते है। उनकी चिंताए पूरी तरह गलत भी नहीं है। जो पत्रकार भारत की सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करते हैं, उन्हें उत्पीड़न और इससे भी बदतर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय अल्पसंख्यक, जो हिंदूत्ववादी विचारधारा के खिलाफ हैं, उन्हें भीड़ की हिंसा और धर्मांतरण विरोधी कानूनों का सामना करना पड़ता है। अमेरिकी अखबार के लेख में लिखा गया कि बहुत से लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस की शक्ति से डरते हैं, जो एक राष्ट्रव्यापी हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है, जिसका भाजपा से घनिष्ठ संबंध है। हालांकि, मीड का मानना है कि भारत एक जटिल जगह है, और यहां की अन्य बातें भी गौर करने लायक है।
CM योगी की तारीफ
लीड ने अपने लेख में सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है। अपने लेख में लीड ने योगी और RSS प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात का जिक्र भी किया है। वह लिखते है कि ‘बीजेपी और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं और उनके कुछ आलोचकों के साथ गहन बैठकों के बाद, मैं यह पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अमेरिकियों और पश्चिमी लोगों को एक जटिल और शक्तिशाली आंदोलन के साथ और अधिक गहराई से शामिल होने की बहुत आवश्यकता है। हाशिए पर छोड़े गए बुद्धिजीवियों और धार्मिक उत्साही लोगों से मिलकर आरएसएस शायद दुनिया का सबसे शक्तिशाली नागरिक-समाज संगठन बन गया है। ‘जब मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सेवारत एक हिंदू भिक्षु योगी आदित्यनाथ से मिला, जिन्हें इस आंदोलन के सबसे कट्टरपंथी आवाजों में से एक माना जाता है, और कभी-कभी 72 वर्षीय पीएम मोदी के उत्तराधिकारी भी समझा जाता है, उनसे मेरी बातचीत उत्तर प्रदेश में निवश और विकास लाने के बारे में थी। ‘