UP BJP: उत्तर प्रदेश भाजपा में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पार्टी के भीतर से आरोप लग रहे हैं कि जिलाध्यक्षों की सूची तैयार करते समय मानकों की अनदेखी की गई है और कुछ नाम बिना उचित प्रक्रिया के शामिल किए गए हैं। इस मामले ने पार्टी के भीतर असंतोष पैदा कर दिया है, जिससे आंतरिक कलह की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी
सूत्रों के अनुसार, कुछ जिलाध्यक्षों के नाम उनकी योग्यता और पार्टी के प्रति समर्पण के बजाय अन्य कारणों से सूची में शामिल किए गए हैं। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है, जो मानते हैं कि इस तरह की अनियमितताओं से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
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पार्टी में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखना
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का आश्वासन दिया है। पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम इस मामले की जांच करेंगे और यदि किसी भी स्तर पर अनियमितता पाई जाती है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी। हमारा उद्देश्य पार्टी में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखना है।”
विपक्षी दल इस मौके का फायदा उठा रहे हैं
इस बीच, विपक्षी दल इस मौके का फायदा उठा रहे हैं और भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि वह अपने ही सिद्धांतों से भटक गई है। समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा, “भाजपा हमेशा अनुशासन की बात करती है, लेकिन उनके अपने घर में यह स्थिति है। यह दिखाता है कि उनके नियम सिर्फ दूसरों के लिए हैं।
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भाजपा के लिए एक नई चुनौती
इस मामले ने भाजपा के लिए एक नई चुनौती पैदा कर दी है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी एकजुट होकर काम करना चाहती है। अब यह देखना होगा कि पार्टी इस विवाद को कैसे सुलझाती है और अपने कार्यकर्ताओं का विश्वास वापस हासिल करती है।