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Chhattisgarh News: बायो मेडिकल वेस्ट का होगा निपटारा, बरबसपुर में एक एकड़ जमीन पर बनेगा प्लांट

जिले में बायो मेडिकल वेस्ट का निपटारा करने के लिए लाखो की लागत से कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फेसिलिटी यूनिट लगाई जाएगी।

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Agnesh Parashar
Chhattisgarh News: बायो मेडिकल वेस्ट का होगा निपटारा, बरबसपुर में एक एकड़ जमीन पर बनेगा प्लांट

कोरबा। जिले में बायो मेडिकल वेस्ट का निपटारा करने के लिए लाखो की लागत से कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फेसिलिटी यूनिट लगाई जाएगी। अब तक अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्टेज को जमीन में गड़ाया जाता था। मगर अब हाईटेक मशीन के जरिए कचरे को जलाकर पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। इसके लिए एक एक जमीन भी चिन्हित कर ली गई है।

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बड़े पैमाने पर निकलता है मेडिकल बेस्ट

कोरबा जिले में शासकीय अस्पतालों के अलावा बड़ी संख्या में प्राइवेट हॉस्पिटल भी संचालित है। जहां दूर दूर से लोग इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में इस अस्पतालों से बड़े पैमाने पर बायो मेडिकल वेस्ट निकलता है। जो मानव शरीर और पर्यावरण के बेहद घातक होता है।

प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जमीन चिन्हित की

मेडिकल वेस्ट का सुरक्षित निपटारा जरूरी होता है। कोरबा जिले में अब तक साधारण तरीके से मेडिकल कचरे को जमीन में गाड़ दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बड़े शहरों की तर्ज पर कोरबा में भी  "कामन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी" स्थापित की जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इसके लिए जमीन भी चिन्हित कर ली है।

शहर से बाहर बनेगा प्लांट

जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर दूर शहर से बाहर बरबसपुर में एक एकड़ जमीन पर ये यूनिट स्थापित की जायेगी। इस सेटअप की खासियत ये है कि इसमें सुखा और गिला वेस्टेज के उपचार के दो अलग अलग सिस्टम है। जिसमे प्रति घंटा करीब 100 किलो सुखा मेडिकल वेस्ट का निपटारा होगा वही 1000 लीटर वेस्टेज लिक्विड का उपचार होगा प्रति घंटे में होगा।

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साल 2024 तक होगी शुरूआत

हालाकि ये सिस्टम स्थापित करने से पहले पर्यवरणीय जनसुनवाई का आयोजन किया जाना है। अफसरों के मुताबिक आने वाले कुछ महीने में प्रकिया पूर्ण कर ली जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है साल 2024 में  कामन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी की शुरूवात हो जायेगी।

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