Madhya Pradesh Bina MLA Nirmla Sapre Membership Case Update: बीना विधायक निर्मला सप्रे को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। एमपी हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने उनकी सदस्यता रद्द करने को लेकर अहम फैसला सुनाया है।
हाईकोर्ट ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने दलबदल के मामले में निर्मला सप्रे की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। जस्टिस प्रणय वर्मा की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है कि- ये मामला विचारणीय नहीं है।
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— Bansal News Digital (@BansalNews_) September 2, 2025
कांग्रेस से बीजेपी में हो गई थी शामिल
आपको बता दें कि, निर्मला सप्रे ने 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस की टिकट से जीता था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वो बीजेपी में शामिल हो गई थीं। इस मामले में स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर पर कार्रवाई न करने के आरोप लगे थे। विधायक निर्मला सप्रे की ओर से अधिवक्ता मनीष नायर ने दलीलें पेश की थी।
कोर्ट फैसला सुनाए या कार्रवाई का आदेश दे
कोर्ट में बहस के दौरान, सिंघार की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने यह तर्क दिया कि या तो न्यायालय इस पर फैसला सुनाए या विधानसभा अध्यक्ष को इस पर कार्रवाई करने का निर्देश दे। उल्लेखनीय है कि सप्रे ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
कोर्ट- हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं आता मामला
इंदौर पीठ ने यह फैसला इस आधार पर सुनाया कि यह मामला उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह अधिकार दिया कि वे इस याचिका को जबलपुर स्थित मुख्य पीठ के समक्ष दोबारा दायर कर सकते हैं। यह आदेश सोमवार को जारी किया गया।
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पार्टी छोड़ी, विधानसभा की सदस्यता नहीं
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपनी रिट याचिका में तर्क दिया था कि निर्मला सप्रे, जो सागर जिले से कांग्रेस विधायक के रूप में चुनी गई थीं, भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा की सदस्यता नहीं छोड़ी है।
विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा, फिर कोर्ट
उमंग सिंघार ने मांग की थी कि संविधान की अनुसूची 10 के तहत दलबदल के नियम के अनुसार, उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को एक पत्र भेजा गया था, लेकिन 90 दिनों की तय समय सीमा में भी कार्रवाई नहीं करने पर कोर्ट में मामला दायर किया।
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