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हाइलाइट्स
- बिलासपुर रेल हादसे में कार्रवाई, सीनियर DOP को हटाया।
- मेमू और मालगाड़ी की टक्कर में हुई थी 13 लोगों की मौत।
- वरिष्ठ विद्युत अभियंता कर्षण विवेक कुमार को नया प्रभार।
Bilaspur MEMU Train Accident Action Update: बिलासपुर में गतौरा–लालखदान सेक्शन में 4 नवंबर को हुए रेल हादसे में 13 लोगों की मौत के बाद अब रेलवे प्रशासन सख्त मोड में आ गया है। हादसे को लेकर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। प्रारंभिक जांच में लापरवाही सामने आने पर रेलवे ने सीनियर DOP वरिष्ठ विद्युत अभियंता (ऑपरेशनल) मसूद आलम को पद से हटाकर लंबी छुट्टी (फोर्स लीव) पर भेज दिया है। यह कार्रवाई साइको पास न होने वाले लोको पायलट को मेमू ट्रेन में ड्यूटी देने की लापरवाही पर की गई है। उनकी जगह वरिष्ठ विद्युत अभियंता (कर्षण) विवेक कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हादसे के बाद रेलवे की बड़ी कार्रवाई
बिलासपुर में मेमू ट्रेन और खड़ी मालगाड़ी की टक्कर के मामले में रेलवे ने वरिष्ठ विद्युत अभियंता (ऑपरेशनल) मसूद आलम को उनके पद से हटाने का फैसला लिया है। उनकी जगह वरिष्ठ विद्युत अभियंता (कर्षण) विवेक कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। कार्रवाई के साथ ही मसूद आलम को तुरंत प्रभाव से छुट्टी पर भेज दिया गया है, इस कार्रवाई के बाद रेलवे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
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4 नवंबर को हुआ था रेल हादसा
4 नवंबर को गतौरा–लालखदान के बीच गेवरारोड–बिलासपुर मेमू ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से भिड़ गई थी। टक्कर इतनी तेज थी कि मेमू का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। हादसे में ट्रेन चालक समेत 13 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
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लापरवाही को लेकर हुई कार्रवाई
जांच में यह गंभीर लापरवाही सामने आई कि मेमू ट्रेन के लोको पायलट विद्या सागर साइको टेस्ट पास नहीं थे। इसके बावजूद उन्हें एक असिस्टेंट लोको पायलट के साथ ट्रेन संचालन की जिम्मेदारी दे दी गई। इसे रेलवे अधिकारियों ने इसे गंभीर लापरवाही माना है। सुरक्षा मानकों की इस अनदेखी को हादसे का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
इसी लापरवाही के चलते रेल प्रशासन ने वरिष्ठ विद्युत अभियंता (ऑपरेशनल) मसूद आलम को पद से हटाकर छुट्टी पर भेज दिया है। उनके खिलाफ की गई यह कार्रवाई रेलवे विभाग में चर्चा का विषय बनी हुई है।
गौरतलब है कि वरिष्ठ विद्युत अभियंता (ऑपरेशनल) ही लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) की ड्यूटी तय करते हैं। किस चालक को किस ट्रेन में भेजना है, इसका अंतिम निर्णय उन्हीं का होता है। आदेश जारी होने के बाद ट्रेन का परिचालन शुरू किया जाता है।
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CRS जांच रिपोर्ट के बाद और कार्रवाई संभव
इस पूरे मामले में कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) की जांच जारी है। चार सदस्यीय टीम ने 30 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं। CRS बी.के. मिश्रा ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया था और जल्द ही रिपोर्ट आने की उम्मीद है। रिपोर्ट आने के बाद कई और अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
रेलवे जोन स्तर पर भी जांच तेज
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) ने भी अपनी आंतरिक जांच शुरू कर दी है। विभागीय जांच में कई चौंकाने वाली लापरवाहियाँ सामने आने की बात कही जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी अधिकारी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं।
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