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बिलासपुर में अवैध कॉम्प्लेक्स पर चला बुलडोजर: पिछली कांग्रेस सरकार के समय लीज पर दी गई थी जमीन,

Bilaspur News: बिलासपुर में निगम की जमीन पर बने अवैध कॉम्प्लेक्स पर बुलडोजर चल गया है. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जमीन लीज पर दी गई थी

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Harsh Verma
बिलासपुर में अवैध कॉम्प्लेक्स पर चला बुलडोजर: पिछली कांग्रेस सरकार के समय लीज पर दी गई थी जमीन,

   हाइलाइट्स

  • निगम की जमीन पर बना था अवैध कॉम्प्लेक्स 
  • पार्किंग के बगैर बनाया गया था कॉम्प्लेक्स 
  • भाजपा युवा मोर्चा ने आंदोलन कर छेड़ी थी मुहिम 
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Bilaspur News: बिलासपुर में नगर निगम की जमीन पर बने अवैध कॉम्प्लेक्स पर बुलडोजर चल गया है. यह कॉम्प्लेक्स कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में निगम से जमीन लीज पर लेकर बनाया गया था. बिना पार्किंग के ही कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया था. भाजपा युवा मोर्चा ने बस स्टॉप की इस जमीन को बचाने के लिए आंदोलन भी किया था. फिर विधायक अमर अग्रवाल ने कॉम्प्लेक्स निर्माण की जांच कराने के निर्देश दिए थे. 

   सिटी बस स्टॉप की जमीन को दिया था लीज पर

बता दें कि रसूखदार ठेकेदार ने निगम की 2 हजार 377 स्क्वेयर फीट जमीन पर निगम से औने-पौने दाम पर लीज पर लिया था. पिछली कांग्रेस सरकार ने निगम की जमीन को लीज पर बेचने का फैसला किया था. इसके लिए नूतन चौक पर ऑटो चालकों के लिए बने बस स्टैंड और सिटी बस स्टॉप की जमीन को ही लीज पर दे दिया गया. कागजों के अनुसार जमीन को जबड़ापारा (Bilaspur News) के रहने वाले हरीश राठौर ने खरीदी है. हालांकि इसमें कांग्रेस नेता और एक नगर निगम केअफसर का भी हिस्सा है. 

   पार्किंग के स्थान पर बनाई गईं अवैध रूप से दुकानें

हरीश राठौर ने इस विवादित जमीन पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए निगम में नक्शे की मंजूरी के लिए आवेदन दिया. इसके बाद 24 फरवरी 2023 को निगम ने नक्शे को मंजूरी दी, लेकिन नक्शे में तय पार्किंग के स्थान पर अवैध रूप से दुकानें बना ली गईं. इसके बाद 15 मार्च 2024 को नगर निगम ने कब्जा हटाने नोटिस जारी किया था. फिर हरीश ने निगम में आवेदन देकर अवैध निर्माण के नियमितीकरण की मांग की. लेकिन निगम ने इस मांग को खारिज कर दिया.

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निगम ने  28 मार्च 2024 को नोटिस जारी कर 24 घंटे में अवैध निर्माण हटाने को कहा था. हरीश राठौर ने इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने शुरुआती सुनवाई के बाद कॉम्प्लेक्स तोड़ने पर रोक लगाई थी. हालांकि हरीश राठौर ने अवैध निर्माण को खुद से हटाने के लिए अंडरटेकिंग भी दिया था. मगर, तय समय से 3 सप्ताह बाद भी राठौर ने अवैध निर्माण नहीं हटाया.

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