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Bilaspur Nagar Nigam Engineering Posts Vacancy
हाइलाइट्स
53 इंजीनियरों के पद रिक्त
संविदा कर्मियों पर जिम्मेदारी का बोझ
करोड़ों के प्रोजेक्ट अटकने की आशंका
Bilaspur Nagar Nigam Engineering Posts Vacancy: छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर (Bilaspur Municipal Corporation) की नगर निगम व्यवस्था इस समय गंभीर संकट से गुजर रही है। निगम में इंजीनियरों के 50 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली हैं। कुल 80 पदों में से 53 रिक्त (Vacant Engineering Posts) हैं। इस वजह से शहर में चल रहे करोड़ों रुपए के विकास और निर्माण कार्यों (Construction Projects) पर असर पड़ने का खतरा है।
नगर निगम के उप आयुक्त प्रवेश कश्यप ने बताया कि साल 2016 में नगर निगम का सेटअप अपडेट किया गया था और अब शासन ने 2026 के लिए नया सेटअप तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। फिलहाल रिक्त पदों को भरने के लिए राज्य शासन से स्वीकृति जरूरी है।
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Bilaspur Nagar Nigam Engineering Posts Vacancy[/caption]
कमी के बावजूद अतिरिक्त प्रभार क्यों?
निगम सभापति विनोद सोनी ने इस स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब पहले से ही इंजीनियरों की भारी कमी है, तो कार्यपालन अभियंता (Executive Engineer) प्रवीण शुक्ला को जोन क्रमांक-3 का अतिरिक्त प्रभार क्यों सौंपा गया? उन्होंने आरोप लगाया कि स्वच्छता और स्वास्थ्य विभाग (Sanitation and Health Department) में भी सेनेटरी इंस्पेक्टर से लेकर स्वास्थ्य अधिकारी तक के कई पद खाली हैं। यहां तक कि टास्क में काम करने वाले कर्मचारी खुद को सेनेटरी इंस्पेक्टर बताकर जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
संविदा कर्मचारियों पर बढ़ा बोझ
सभापति का आरोप है कि निगम में बड़े पैमाने पर रिक्तियों के बावजूद भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा रही। इसके बजाय संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों (Contractual Staff in Municipal Corporation) को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं। उदाहरण के तौर पर, संविदा कर्मचारी प्रवीण शर्मा को अतिक्रमण शाखा और संजय तरण पुष्कर जैसे अहम कार्यों का दायित्व सौंपा गया है।
कितने पद खाली हैं?
निगम में वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक है।
- सब इंजीनियर (Sub Engineer): 47 में से 25 पद रिक्त।
- सहायक अभियंता (Assistant Engineer - AE): 22 में से 18 पद खाली।
- कार्यपालन अभियंता (Executive Engineer - EE): 9 में से 5 पद खाली।
- वरिष्ठ अभियंता (Superintending Engineer - SE): 2 में से 1 पद रिक्त।
रिटायरमेंट से और बिगड़ेगी स्थिति
निगम में 2016 के सेटअप के अनुसार 439 नियमित और 715 सांख्येत्तर कर्मचारी स्वीकृत थे। इनमें से कई पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। आने वाले वर्षों में यह समस्या और गंभीर हो सकती है। साल 2026 तक कई वरिष्ठ इंजीनियर रिटायर होने वाले हैं। वर्तमान में निगम में केवल 6 वरिष्ठ इंजीनियर कार्यरत हैं और ये सभी अगले साल सेवा से विदा हो जाएंगे। इसका सीधा असर भविष्य की परियोजनाओं (Urban Development Projects) पर पड़ेगा।
करोड़ों के प्रोजेक्ट अटके
नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Projects) के तहत इस समय शहर में लगभग 70 करोड़ रुपए से ज्यादा के निर्माण कार्य चल रहे हैं। इनमें से 20 करोड़ के काम सीधे नगर निगम और 50 करोड़ से अधिक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े हैं। इसके अलावा 50 करोड़ से ज्यादा के नए कार्यों के लिए टेंडर भी जारी किए जा चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि इंजीनियरिंग स्टाफ की कमी का असर इन कार्यों की गुणवत्ता और समय-सीमा पर पड़ सकता है।
तबादलों से और मुश्किल
स्थिति को और जटिल बना दिया है हालिया तबादलों ने। निगम के पांच इंजीनियरों का ट्रांसफर कर दिया गया है, जिनमें सहायक अभियंता (AE) ललित त्रिवेदी को मनेंद्रगढ़, मनीष यादव को कोरबा, दुर्गा कंवर को राजनांदगांव, रश्मि मिश्रा को रतनपुर और रश्मि देवांगन को बोदरी भेजा गया है। इससे निगम की पहले से कमजोर इंजीनियरिंग टीम और कमजोर हो गई है।
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