बिलासपुर। नियमितीकरण के साथ ही कर राजस्व विभाग में संविलियन और मालगुजारी जमीन का भूमि स्वामी हक के साथ ही विभिन्न मांगों को लेकर कोटवारों ने गुरुवार को प्रदर्शन किया। कोटवार प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और गेट के बाहर सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया।
बता दें कि छत्तीसगढ़ का बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्राम कोटवारों के मानदेय को भी बढ़ाया था, लेकिन कोटवार सिर्फ मानदेय बढ़ाए जाने से ही खुश नहीं है। सरकार द्वारा उनकी मांगों पर ध्यान न दिए जाने के चलते एक बार फिर वे प्रदर्शन करने लगे हैं।
यहां बता दें की ग्राम कोटवार बीते कई सालो से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी मांगें पूरी करने पर छत्तीगढ़ सरकार द्वार ध्यान नहीं दिया गया है। जिसके चलते दो सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर में हड़ताल की जा रही है।
ग्राम कोटवारों का कहना है के यदि सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो वे उग्र आंदोलन के लि भी बाध्य होंगे। फिल्हाल प्रदेशभर में अलग-अलग स्थानों पर ग्राम कोटवारों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है।
अगर बात करें ग्राम कोटवार की तो कोटवार शब्द के लिए कोतवाल से मिलता-जुलता माना जाता है। इसका मतलब रखवाली करने वाला होता है। माना जाता है कि ग्राम कोटवारों के लिए पुराने जमाने पर गांव रखवाली का जिम्मा दिया जाता था।
इसके साथ ही कोटवार के लिए शासन के प्रतिनिधि के रूप में भई देखा जाता है। गांव से संबंधित सूचनाएं पहुंचाने का काम भी कोटवार का होता है। साथ ही गांव के साथ शहर में भी छापेमारी या अन्य तरह की कार्रवाई के लिए ग्राम कोटवार की मदद ली जाती है।
सीएम भूपेश बघेल द्वारा 2023-24 का बजट पेश करते हुए ग्राम कोटवार का मनदेय भी बढ़ा दिया है। बजट में ग्राम कोटवार के मानदेय को 2250 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए, 3375 से 4500, 4050 से 5500 व 4500 से 6000 कर दिया गया है।
यह हैं मांगे
– राजस्व विभाग में संविलियन के साथ ही नियमित किया जाए।
– भू-राजस्व संहिता की धारा में संशोधन कर मालगुजारी जमीन पर भूमिस्वामी बनाया जाए।