Advertisment

Bilaspur High Court: बिलासपुर DEO रहे अनिल तिवारी को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, जानें क्या है मामला

Bilaspur High Court DEO Case: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अनिल तिवारी को ट्रांसफर मामले में राहत देने से इनकार किया। कोर्ट ने ट्रांसफर कमेटी में पक्ष रखने का निर्देश दिया।

author-image
BP Shrivastava
Bilaspur High Court DEO Case

Bilaspur High Court DEO Case

Bilaspur High Court DEO Case: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) रहे डॉ. अनिल तिवारी को राहत देने से मना कर दिया है। डॉ. तिवारी ने छह महीने में अपने ट्रांसफर और सहायक संचालक पद पर नियुक्ति के खिलाफ हाईकोर्ट (High Court) में याचिका दायर की थी।

Advertisment

कोर्ट ने यह भी कहा

साथ ही कोर्ट ने DEO को ट्रांसफर कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है और शासन को कहा है कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई ना की जाए। इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश रविंद्र कुमार अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई।

दरअसल, शिक्षा विभाग ने बीते 10 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारियों के ट्रांसफर का आदेश जारी किया था। इस आदेश के तहत बिलासपुर के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अनिल तिवारी को उनके पद से हटाकर संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा कार्यालय बिलासपुर में सहायक संचालक बना दिया। उनकी जगह कोटा विकासखंड के शिक्षा अधिकारी विजय कुमार टांडे को बिलासपुर का नया DEO नियुक्त किया गया।

इस ट्रांसफर आदेश को डॉ. तिवारी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और इसके खिलाफ याचिका दायर की।

Advertisment

याचिकाकर्ता ने कहा- जूनियर को बनाया DEO

याचिकाकर्ता डॉ. तिवारी की तरफ से तर्क दिया गया कि वरिष्ठता सूची में उनका नाम 237वें क्रम पर है। जबकि, विजय टांडे का नाम 330वें क्रम पर है। इसके बाद भी जूनियर को बिलासपुर में DEO बना दिया गया है। याचिका में यह भी बताया कि टांडे के खिलाफ रिश्वत लेने समेत कई गंभीर शिकायतें दर्ज हैं, जिसकी जांच रिपोर्ट भी आ चुकी है। इसके बावजूद उन्हें पोस्टिंग दी गई है।

ट्रांसफर कमेटी में दिया है आवेदन

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एसपी काले ने तर्क दिया कि तबादला प्रशासनिक आदेश के तहत किया गया है। दोनों अधिकारियों को उनके नए पद पर कार्यभार भी सौंपा जा चुका है।

ये भी पढ़ें:  CG Pet Law: छत्तीसगढ़ में अब नया कानून, बिना मुंह बांधे कुत्ते को घुमाया तो लगेगा जुर्माना, हाथी-घोड़े पर भी नियम सख्त

Advertisment

शासन 3 हफ्ते में सुनवाई कर आदेश दे

इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही ट्रांसफर कमेटी के समक्ष अपना आवेदन पेश कर चुका है। ऐसे में कोर्ट इस स्तर पर मेरिट में हस्तक्षेप नहीं करेगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कमेटी 3 हफ्तों में सुनवाई कर आदेश पारित करे। आदेश मिलने के बाद याचिकाकर्ता आगे कानूनी उपाय करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

Chaitanya Baghel HC: हाइकोर्ट से चैतन्य बघेल को बड़ा झटका, EOW FIR मामले में याचिका खारिज, नई अर्जी लगाने के निर्देश

Chaitanya Baghel High Court

Chaitanya Baghel High Court : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने EOW (Economic Offences Wing) की FIR से जुड़ी उनकी याचिका को लिबर्टी के साथ डिसमिस कर दिया। चैतन्य बघेल इस मामले में नई याचिका दाखिल करना चाहते थे, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगली अर्जी में सिर्फ उनकी ही याचिका शामिल होनी चाहिए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

Advertisment
CG HIGH COURT bilaspur high court news Anil Tiwari transfer case Bilaspur DEO transfer DEO petition High Court Vijay Tande DEO Bilaspur Chhattisgarh education department transfer DEO transfer dispute
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें