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Bilaspur High Court: अनुकंपा नियुक्ति की तीन याचिकाएं खारिज, हाईकोर्ट ने इस मामले में कही ये बड़ी बात

Bilaspur High Court: अनुकंपा नियुक्ति की याचिकाएं खारिज, हाईकोर्ट ने कहा इस नियुक्ति के लिए अधिकार के तौर पर दावा नहीं कर सकते

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Sanjeet Kumar
Bilaspur High Court

Bilaspur High Court: अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं लगाई गई थी। जिसे हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने जो आदेश जारी किया है, उसमें कहा कि परिवार के मुखिया की मौत के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट या गरीबी अनुकंपा नियुक्ति देने का तय मापदंड है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए अधिकार के तौर पर दावा नहीं कर सकते। जानें तीन याचिकाओं का क्‍या है पूरा मामला।

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छोटे बेटे को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग

रतनपुर निवासी रामाधार तिवारी की पत्नी ने पति की मृत्‍यु के बाद हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) में याचिका लगाई। इसमें छोटे बेटे को अनुकम्पा नियुक्ति देने की मांग की। इसमें कहा कि उनके पति पुलिस विभाग में सहायक उप निरीक्षक के पद पर थे।

20 अगस्त 2007 को उनकी सेवा के समय मृत्‍यु हो गई थी। पत्‍नी ने छोटे बेटे को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग अक्टूबर और दिसंबर 2007 में बिलासपुर एसपी से आवेदन देकर की।

इस आवेदन को अगस्त 2012 में खारिज कर दिया। खारिज (Bilaspur High Court) करने की वजह बताई गई कि दीनानाथ के बड़े भाई केदारनाथ शिक्षाकर्मी वर्ग-3 के पद पर हैं। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और 2014 में याचिका दायर की गई। इस मामले में कोर्ट ने सभी पक्षों को सुना, इसके बाद उक्‍त याचिका को खारिज कर दिया।

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मां सरकारी नौकरी में याचिका खारिज

दूसरे मामले में बैकुंठपुर निवासी यश मिश्रा को पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली है। उनकी मां सुनीता मिश्रा व्याख्याता के पद पर कार्यरत थीं। वर्ष 2018 में मां के सरकारी नौकरी में रहने के कारण विभाग ने उन्हें सेवामुक्त किया था।

इसे लेकर हाई कोर्ट (Bilaspur High Court) में याचिका दायर की गई। यश ने अपने आवेदन में जानकारी दी थी कि पिता की मौत के दौरान वह भिलाई में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था। पिता को ब्रेन कैंसर हो गया था, जिसके इलाज में पूरा पैसा खर्च हो गया। पिता की मौत के बाद पढ़ाई छोड़ी और अनुकंपा नियुक्ति की मांग की और आवेदन किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

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भाई नौकरी में, नहीं मिली अनुकंपा

इधर तीसरा मामला कांकेर (Bilaspur High Court) का है। जहां की निवासी सुमन के पिता राममूर्ति शर्मा ग्रामीण स्वास्थ्य संगठक के पद पर पदस्‍थ थे। उनकी मृत्‍यु जून 2019 में हो गई। इसके बाद सुमन ने जुलाई 2019 में राजनांदगांव के सीएमएचओ ऑफिस में आवेदन दिया। इस आवेदन के माध्‍यम से अनुकंपा नियुक्ति की मांग की।

उक्‍त आवेदिका का भाई रमन शर्मा कांकेर के सरकारी स्कूल में शिक्षाकर्मी वर्ग-1 के पद पर पदस्‍थ हैं। इस आधार पर सीएमएचओ ने आवेदन खारिज कर दिया। इसके विरुद्ध आवेदक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जहां दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

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