Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सक्ती जिले के नंदेली गांव में शासकीय भूमि पर हो रहे अवैध पत्थर उत्खनन के मामले को गंभीरता से लेते हुए खनन विभाग के सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई, जिसे याचिकाकर्ता खोलबाहरा ने अधिवक्ता योगेश चंद्रा के माध्यम से दायर किया था।
याचिका में बताया गया है कि ग्राम नंदेली, तहसील जैजैपुर, जिला सक्ती के खसरा नंबर 16/1 (क्षेत्रफल 14.2 हेक्टेयर) की सरकारी भूमि पर लंबे समय से अवैध रूप से गौण खनिज पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है। याचिका के अनुसार, राजेश्वर साहू समेत अन्य निजी व्यक्ति इस गतिविधि में शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: CG में सब इंजीनियर के पदों पर निकली भर्ती: डिप्लोमा या डिग्री धारक… किसे मिलेगी नौकरी? सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नजर
ग्रामीणों ने कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें दी
ग्रामीणों द्वारा तहसील और जिला प्रशासन को कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें दी गईं, लेकिन किसी भी स्तर पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। इससे आक्रोशित होकर याचिकाकर्ता ने न्यायालय की शरण ली।
इससे पहले, इसी मामले को लेकर एक रिट याचिका दायर की गई थी, जिसे अदालत ने खारिज करते हुए जनहित याचिका की अनुमति दी थी। अब अनुच्छेद 226 के तहत जनहित याचिका दायर की गई है।
कोर्ट ने खनन सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि जैसे ही कोर्ट से नोटिस जारी हुआ, प्रतिवादी पक्ष ने उस स्थान को पाटने की कोशिश शुरू कर दी ताकि अवैध उत्खनन के साक्ष्य मिटाए जा सकें।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने इस विषय को गंभीर मानते हुए खनन सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है, जिससे साफ हो सके कि इस अवैध उत्खनन को रोकने के लिए शासन स्तर पर क्या कदम उठाए गए हैं।