Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने DJ की तेज और जानलेवा आवाज के संबंध में अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत से कहा कि आपने तो शपथ पत्र देकर सब कुछ सुधारने का आश्वासन दिया था, लेकिन फिर भी ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हो रही है?
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आम आदमी शांति से जीना चाहता है, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में कैसे रह सकता है? यह स्वाभाविक है कि अंबिकापुर और दुर्ग जैसी हृदय विदारक घटनाएं होंगी। परेशान व्यक्ति और क्या कर सकता है?
आम आदमी शांति से रहना चाहता है: चीफ जस्टिस
गुरुवार को जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस (Bilaspur High Court) रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता भारत से चीफ जस्टिस ने कहा कि पूरे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखना जरूरी है। आम आदमी शांति से रहना चाहता है, लेकिन जो हालात बन रहे हैं, उनमें उन्हें क्या करना चाहिए?
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जताई नाराजगी
चीफ जस्टिस ने ध्वनि प्रदूषण की स्थिति की लगातार निगरानी करने और कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया। पीआईएल की सुनवाई के दौरान, उन्होंने दुर्ग की घटना का विशेष उल्लेख किया और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नाराजगी जताई।
सीजे ने कहा कि जब एक व्यक्ति ने त्योहार के दौरान तेज आवाज में डीजे न बजाने का अनुरोध किया, तो उसे अस्वीकार कर दिया गया, जिससे परेशान होकर उस व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली।
कोई भी धमकी कानून से बड़ी नहीं: चीफ जस्टिस
सीजे सिन्हा की नाराजगी के बीच जब महाधिवक्ता ने दुर्ग की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि समिति के सदस्य ने मृतक को जो धमकी दी थी, उससे वह आहत था, तब चीफ जस्टिस ने स्पष्ट किया कि कोई भी धमकी कानून से बड़ी नहीं है।
उन्होंने एडवोकेट जनरल से कहा कि जितनी आवाज में स्पीकर्स और साउंड बॉक्स बजाने की अनुमति है, उतनी ही आवाज में डीजे बजाने का प्रबंध किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने महाधिवक्ता को याद दिलाया कि आपने इसी प्रकार के आश्वासन सरकार की ओर से शपथ में दिए थे।
त्योहार मनाने के नाम पर कुछ लोग नशा कर रहे: चीफ जस्टिस
चीफ जस्टिस ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि त्योहार मनाने के नाम पर कुछ लोग नशा कर रहे हैं और नशे की हालत में अमर्यादित व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर डीजे इतनी तेज आवाज में बजेगा, तो छात्र कैसे पढ़ाई करेंगे। इस तरह की घटनाएं, जैसे दुर्ग और अंबिकापुर में हुईं, होती रहेंगी। उन्होंने पूछा कि इन सबकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
बिलासपुर के एसपी ने पेश किया हलफनामा
डिवीजन बेंच के समक्ष बिलासपुर के एसपी रजनेश सिन्हा ने हलफनामा पेश किया। महाधिवक्ता ने कहा कि अनुमति योग्य आवाज में साउंड सिस्टम रखने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने निर्देश दिया कि पूरे प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण की स्थिति की लगातार निगरानी की जाए। पीआईएल की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 21 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है।
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