Bilaspur Crime News: बिलासपुर सरकंडा थाना क्षेत्र के ग्राम लगरा में पड़ोसियों ने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए एक युवक पर टंगिया से हमला कर उसकी जान ले ली। घटना में शामिल तीन आरोपियों में से दो को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जबकि एक अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
हमलावरों ने सिर और गले पर किया जानलेवा हमला
सरकंडा क्षेत्र के ग्राम लगरा में रोजी-मजदूरी करने वाले छतराम केंवट की पड़ोसियों ने हमला कर हत्या कर दी। सोमवार को जितेंद्र केंवट, धर्मेंद्र केंवट और हेमंत केंवट ने मिलकर छतराम पर टंगिया और लाठी से हमला किया, जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
हमलावरों ने सिर और गले पर जानलेवा हमला किया, जिससे छतराम संभल नहीं पाया। घटना के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।
पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
सरकंडा पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई करते हुए गांव में पहुंची और लोगों से पूछताछ की। जांच में पता चला कि मृतक छतराम का पड़ोसियों धर्मेंद्र केंवट और उसके भाइयों के साथ विवाद चल रहा था।
इस सूचना के आधार पर पुलिस ने गांव में घेराबंदी कर हेमंत केंवट और धर्मेंद्र केंवट को गिरफ्तार कर लिया, जबकि जितेंद्र केंवट पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस अब जितेंद्र की तलाश में जुटी हुई है और मामले की जांच कर रही है।
10 साल पहले की थी तिलकराम केंवट की हत्या
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि छतराम और उसके पिता संतोष ने लगभग 8-10 साल पहले धर्मेंद्र के पिता तिलकराम केंवट की हत्या की थी। इस मामले में दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जहां उन्होंने लगभग आठ साल की सजा काटी।
जेल से रिहा होने के बाद, संतोष पुणे में रोजी-मजदूरी करने लगा, जबकि छतराम गांव में ही रहकर रोजी-मजदूरी करता था। यह पुरानी रंजिश ही आरोपियों को छतराम की हत्या की ओर ले गई।
आरोपियों ने मौका मिलते ही छतराम की ले ली जान
आरोपी युवकों ने पुलिस को बताया कि उनके पिता तिलक की हत्या छतराम और उसके परिवार ने की थी, जिसके बाद उन्होंने उनकी मां को टोनही कहकर प्रताड़ित किया था। इससे मोहल्ले के लोग भी उनसे दूरी बनाने लगे थे।
इस पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए धर्मेंद्र और उसके भाइयों ने छतराम की हत्या करने की योजना बनाई थी। सोमवार को उन्हें मौका मिला और उन्होंने छतराम की जान ले ली। यह घटना पुरानी दुश्मनी और बदले की भावना का नतीजा है।