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Bijapur Naxal Surrender: बीजापुर में एंटी नक्सल ऑपरेशन को बड़ी सफलता, 23 लाख के इनामी 13 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

CG Bijapur Naxal Surrender News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 23 लाख के इनामी 13 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। शासन की पुनर्वास नीति और संयुक्त सुरक्षा अभियान से माओवादी संगठन कमजोर हो रहे हैं।

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Shashank Kumar
CG Bijapur Naxal Surrender

CG Bijapur Naxal Surrender

CG Bijapur Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान को शुक्रवार को एक बड़ी सफलता मिली, जब माओवादी संगठनों से जुड़े कुल 13 सक्रिय नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से कई लंबे समय से संगठन में सक्रिय थे और उन पर कुल 23 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कंपनी नंबर-2 की महिला सदस्य, एसीएम, केएएमएस अध्यक्ष, पीएलजीए, एलओएस और मिलिशिया प्लाटून के सदस्य शामिल हैं।

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https://twitter.com/vishnudsai/status/1938648786986733801

नियद नेल्ला नार योजना बनी आत्मसमर्पण का आधार

राज्य सरकार की नियद नेल्ला नार योजना और आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति ने माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया है। इस योजना के अंतर्गत आत्मसमर्पण (Bijapur Naxal Surrender) करने वाले माओवादियों को पुनर्वास, रोजगार, शिक्षा और सामाजिक पुनर्स्थापना की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। आत्मसमर्पण करने वालों को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी गई है, जिससे यह योजना एक व्यावहारिक और प्रभावी विकल्प बनकर उभरी है।

अंदरूनी इलाकों में कैम्प और विकास कार्यों ने बदली तस्वीर

बीजापुर एसपी डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि शासन की विकासोन्मुखी योजनाओं जैसे सड़क निर्माण, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और परिवहन सुविधाओं की पहुंच अब अंदरूनी गांवों तक हो रही है। इन क्षेत्रों में नए सुरक्षा कैम्पों की स्थापना और सामुदायिक पुलिसिंग के तहत जनकल्याण योजनाओं की जानकारी ने ग्रामीणों और नक्सलियों के बीच संवाद की मजबूत कड़ी बनाई है।

[caption id="attachment_847844" align="alignnone" width="1082"]CG Bijapur Naxal Surrender काल्पनिक तस्वीर (Photo AI)[/caption]

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संयुक्त सुरक्षा बलों की बड़ी रणनीतिक जीत

डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ, कोबरा और केरिपु के संयुक्त ऑपरेशन के तहत यह आत्मसमर्पण (Bijapur Naxal Surrender) संभव हो पाया। इस पूरे अभियान का नेतृत्व पुलिस उपमहानिरीक्षक बीएस नेगी, एसपी डॉ. जितेंद्र कुमार यादव और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया। सुरक्षा बलों की संयुक्त रणनीति अब नक्सलियों के नेटवर्क को लगातार तोड़ रही है।

आत्मसमर्पण करने वाले कौन हैं? जानिए नाम और इनाम की राशि

पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में प्रमिला उर्फ देवे मुचाकी (8 लाख का इनामी), कोसा ओयाम उर्फ राजेंद्र (5 लाख का इनामी) जैसे वांछित माओवादी शामिल हैं। इनमें कई सदस्य वर्ष 2000 से नक्सल गतिविधियों में सक्रिय थे। इनका आत्मसमर्पण माओवादी संगठन की रीढ़ तोड़ने वाला कदम माना जा रहा है।

नक्सलियों को मिल रहा सम्मानजनक जीवन का विकल्प

एसपी डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने माओवादियों से अपील की है कि वे हिंसा का मार्ग छोड़कर आत्मसमर्पण करें और शासन की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि शासन उन्हें आर्थिक मदद के साथ-साथ सामाजिक प्रतिष्ठा और रोजगार के सम्मानजनक अवसर भी दे रहा है।

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नक्सलमुक्त बस्तर की ओर तेजी से बढ़ता प्रदेश

पुलिस आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक 270 माओवादी गिरफ्तार हो चुके हैं, 241 ने आत्मसमर्पण किया है और 126 मुठभेड़ों में मारे गए हैं। ये आंकड़े यह दर्शाते हैं कि बस्तर क्षेत्र अब नक्सलमुक्ति की दिशा में निर्णायक कदम उठा चुका है।

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