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Bijapur Motiabind Case : बीजापुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 9 मरीजों की आंखों की रोशनी गई, भूपेश बघेल ने साधा निशाना

Bijapur Motiabind Case; बीजापुर जिला अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 9 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। सभी को रायपुर के मेकाहारा अस्पताल रेफर किया गया है।

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Shashank Kumar
Bijapur Motiabind Case

Bijapur Motiabind Case

हाइलाइट्स 

  • मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 9 मरीज अंधे
  • सभी को रायपुर मेकाहारा में भर्ती किया गया
  • भूपेश बघेल ने सरकार पर निशाना साधा
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Bijapur Motiabind Case : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिला अस्पताल में आयोजित मोतियाबिंद (कैटरेक्ट) ऑपरेशन शिविर में सर्जरी के बाद 9 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। यह मामला सामने आते ही स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। सभी मरीजों को रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल हॉस्पिटल (मेकाहारा) रेफर किया गया है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम इलाज में जुटी है।

24 अक्टूबर को हुआ था ऑपरेशन 

जानकारी के मुताबिक, 24 अक्टूबर को बीजापुर जिला अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन कैंप आयोजित किया गया था। उसी दिन 9 मरीजों की आंखों की सर्जरी की गई थी। लेकिन, ऑपरेशन के कुछ घंटे बाद ही कई मरीजों को आंखों में सूजन, दर्द और धुंधलापन महसूस होने लगा। स्थिति बिगड़ने पर जिला प्रशासन ने तुरंत सभी को रायपुर भेज दिया। डॉक्टरों के अनुसार, मरीजों की आंखों में डीप इन्फेक्शन के लक्षण पाए गए हैं।

मरीजों के परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप

मरीजों के परिजनों ने दावा किया कि ऑपरेशन के बाद अस्पताल ने जरूरी एंटीसेप्टिक और दवाओं की अनदेखी की। एक महिला मरीज की बेटी ने कहा, “मां की आंखें ठीक कराने के नाम पर अब वे देख ही नहीं पा रहीं। डॉक्टरों ने कहा था कि सब ठीक रहेगा, लेकिन अब कुछ भी नहीं दिख रहा।” ग्रामीण इलाकों में नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पहले से ही एक बड़ी समस्या रही है, और इस घटना ने इसे और गहरा कर दिया है।

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[caption id="attachment_929989" align="alignnone" width="1124"]Bijapur Motiabind Case (1) Bijapur Motiabind Case [/caption]

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साधा निशाना

बीजापुर की इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा, “बीजापुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। यह सरकार कमीशनखोरी में लिप्त है और स्वास्थ्य सेवाओं में अमानक दवाइयां बांट रही है। नसबंदी कांड की तरह यह घटना भी सरकार की नाकामी को दर्शाती है।”

बघेल ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई और प्रभावित मरीजों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।

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मेकाहारा में डॉक्टरों की टीम जुटी, एक मरीज की हालत बेहतर

रायपुर मेकाहारा अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने बताया कि बीजापुर से आए नौ मरीजों में आठ की आंखों में डीप इन्फेक्शन पाया गया है। एक मरीज की आंख पूरी तरह सामान्य है। डॉक्टरों की टीम ने इलाज शुरू कर दिया है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा, “जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि संक्रमण किस वजह से फैला।”

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स्वास्थ्य विभाग के लिए फिर से चेतावनी का संकेत

यह घटना छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। हाल के वर्षों में नसबंदी कांड और अमानक दवाओं के मामलों के बाद यह नया हादसा एक और प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण बनकर उभरा है। राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

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