Advertisment

बीजापुर में IED ब्लास्ट: नक्सल विरोधी अभियान को झटका, बड़ा सवाल-नक्सलियों के किले अबूझमाड़ में क्यों फेल हुआ इंटेलिजेंस

Bijapur IED Blast: बीजापुर में नक्सलियों के हमले को क्या नक्सल विरोधी अभियान को झटका माना जा रहा, यह भी बड़ा सवाल-क्या नक्सलियों के किले अबूझमाड़ में फेल हुआ इंटेलिजेंस

author-image
BP Shrivastava
Bijapur IED Blast

Bijapur IED Blast: बीजापुर में (6 जनवरी 2025) आईईडी ब्लास्ट ने नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को बड़ा झटका पहुंचाया है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 24 अगस्त 2024 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में घोषणा की थी कि 'मार्च 2026 को देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा।'
इस टारगेट के बाद छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर नक्सलियों का एनकाउंटर हो रहा है, गिरफ्तारियां हो रही हैं और नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। इसी बीच आज नक्सलियों के इस हमले में डीआरजी के 8 जवान शहीद हो गए हैं। हादसे में वाहन चालक की भी जान चली गई।

Advertisment

सर्चिंग अभियान से लौटते समय हुआ हमला

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार दोपहर नक्सलियों ने एक बड़े हमले ने हिलाकर रख दिया है। बीजापुर जिले के कुटरू इलाके में हुए ब्लास्ट में 8 जवान शहीद हुए। हमला उस समय हुआ जब सुरक्षाबल के जवान सर्चिंग अभियान के बाद लौट रहे थे। सुरक्षाबलों की अलग-अलग टीमें शनिवार को जगदलपुर, कोंड़ागांव, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले के लिए रवाना की गई थीं। बीजापुर की टीम जब ऑपरेशन करके लौट रही थी तभी नक्सलियों ने यह आईईडी हमला कर दिया।

https://twitter.com/AmitShah/status/1876240421866938665

अमित शाह ने फिर दोहराया बयान

बीजापुर नक्सली हमले को लेकर अमित शाह ने सोशल मीडिया X पर लिखा- 'बीजापुर (छत्तीसगढ़) में IED ब्लास्ट में DRG के जवानों को खोने की सूचना से अत्यंत दुखी हूं। वीर जवानों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। इस दुख को शब्दों में व्यक्त कर पाना असंभव है, लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम मार्च 2026 तक भारत की भूमि से नक्सलवाद को समाप्त करके ही रहेंगे।'

क्या इंटेलिजेंस फेल हुआ?

नए साल की शुरुआत में नक्सलियों के इस हमले के बाद सवाल उठ रह हैं कि क्या इंटलिजेंस फेल हुआ है? इस सवाल के जवाब में राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, यह जांच का विषय है। हादसे की पूरी जांच की जाएगी। वहीं, बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि जवान ऑपरेशन की सफलता के बाद लौट रहे थे। जिस जगह पर ब्लास्ट हुआ वहां से एक दिन पहले जवानों का काफिला निकला था।

Advertisment

बस्तर में कहां बारूद है पता नहीं

बस्तर में नक्सलवाद के जानकार और कई किताबें लिख चुके राजीव रंजन ने बताया- "नक्सलियों का गढ़ है अबूझमाड़। इस इलाके में नक्सलियों ने कहां-कहां IED फिट कर रखा है इसके बारे में किसी को भी जानकारी नहीं है। सुरक्षाबल के जवान अगर 100 बार कार्रवाई करते हैं तो नक्सली 1 बार मौके की तलाश में रहते हैं। इस इलाके में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए 15 साल पुराने IED बरामद किए जा रहे हैं।"

[caption id="attachment_731330" align="alignnone" width="1007"]publive-image छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कुटरू इलाके में आईईडी ब्लास्ट हुआ। जिसमें 8 जवान शहीद हुए।[/caption]

IED की जानकारी सिर्फ नक्सलियों को

उन्होंने बताया कि बस्तर में कहां आईईडी लगा है इस बात की जानकारी नक्सलियों के अलावा किसी के पास नहीं है। नक्सलियों का खुफिया तंत्र भी काफी मजबूत है। पिछले एक साल में कमजोर हो चुके नक्सलवाद को इस तरह के हमले करके फिर से जिंदा करने के प्रयास किए जा रहें हैं।

Advertisment

नक्सलियों को सुरक्षाबलों के मूवमेंट की जानकारी बच्चों से भी मिल जाती है

उन्होंने कहा, नक्सली केवल एक सटीक जानकारी के मौके की तलाश में रहते हैं, कई बार उन्हें यह महत्वपूर्ण जानकारी सड़क किनारे खेलते बच्चों से भी मिल जाती है कि किस इलाके में सुरक्षाबलों का मूवमेंट हो रहा है। जिसके बाद नक्सली इस तरह के अभियान को अंजाम देते हैं।

दो तरह के होते हैं सेना के खुफिया तंत्र

राजीव रंजन ने बताया कि बस्तर इलाके में सुरक्षाबल ने दो तरह से खुफिया तंत्र स्थापित किए हैं। सुरक्षाबल के जवान आत्म समर्पित नक्सलियों से आईडी के बारे में जानकारी लेते हैं। इसके साथ ही सरेंडर करने के बाद जो नक्सली डीआरजी के जवान बन जाते हैं। वे माओवादियों के लगाए गए आईईडी को निकाल लेती है। वहीं, दूसरी तरफ सेना ने अपना खुद का मुखबिर तंत्र बना रखा है। जिसमें ग्रामीण भी शामिल हैं जो सुरक्षाबलों को नक्सलियों के मूवमेंट की जानकारी देते हैं। यहीं कारण है कि नक्सली मुखबिर के शक में ग्रामीणों की हत्या कर सकते हैं।

Advertisment

ये भी पढ़ें: कलेक्टर ने रायपुर निगम प्रशासक का संभाला चार्ज: ढेबर की तस्वीर-मोमेंटो चैंबर से हटाई, IAS गौरव सिंह ने पेंशन की फाइल

एक साल में नक्सली मूवमेंट कमजोर हुआ

राजीव रंजन ने बताया कि बीते एक साल से सुरक्षाबल की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों का मनोबल टूटा हुआ है। बीजापुर हमले के जरिए वे खुद का हौसला बढ़ाना चाहते हैं। यह भी सच है कि एक साल में बस्तर में नक्सलवाद का दायरा बहुत कुछ सिमट गया है। सुरक्षाबलों के जवानों ने नक्सलियों के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले अबूझमाड़ पर टारगेट किया इसके बाद से नक्सलियों में बौखलाहट के साथ जबरदस्त गुस्सा है।

ये भी पढ़ें: भिलाई स्टील प्लांट में हादसा: बीएसपी के फर्नेस-5 के सेल में हुआ ब्लास्ट, धमाके से मची अफरा-तफरी

Naxalite attack bijapur ied blast Amit Shah mission Shock Intelligence Fail IED blast Abujhmad Soldiers Martyr
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें