रिपोर्ट: लोकेश झाड़ी, बीजापुर
Niyad Nellanar Scheme: छत्तीसगढ़ का नक्सल से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका बस्तर है। बस्तर संभाग में बीजापुर जिला जहां के गांवों में आज भी विकास पहुंच से दूर है। इन गांवों पर अभी तक नक्सलियों का खासा प्रभाव रहा है। अब ये गांव धीरे-धीरे नक्सलियों की जकड़ से छूट रहे हैं।
इन्हीं गांवों के विकास को गति देने और ग्रामीणों को मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार के द्वारा नई पहल की है। इसके लिए नियद नेल्लानार योजना (Niyad Nellanar Scheme) की शुरुआत की गई है। इस योजना के संचालन से सुदूर इलाकों के गांवों का चयन किया जा रहा है, जहां विकास दूर-दूर तक नहीं है और नक्सलियों को खासा प्रभाव है।
इन गांवों में जरूरी सुविधाएं पहुंचाने के लिए सरकार ने ठान ली है। इन सबको मामले को लेकर बीजापुर जिले में पदस्थ नए कलेक्टर संबित मिश्रा से बंसल न्यूज डिजिटल ने खास चर्चा की। उनसे जिले के विकास को लेकर विजन के बारे में जाना, जानिए चर्चा में उन्होंने क्या कहा-
पहले चरण में 33 गांवों का किया चयन
नवागत कलेक्टर संबित मिश्रा ने जिले में विकास कार्यों को को लेकर छत्तीसगढ़ शासन और केंद्र शासन की योजनाओं (Niyad Nellanar Scheme) का लाभ जिले के पहुंच विहीन और सुदूर गांवों के अंतिम व्यक्ति तक कैसे पहुंचाएंगे। इस पर उन्होंने अपना विजन बताया। उन्होंने कहा कि नियद नेल्लानार योजना (Niyad Nellanar Scheme) के तहत पहले चरण में जिले के 33 पहुंच विहीन सुदूर गांवों का चयन किया गया हैं। ऐ ऐसे गांव हैं, जो कि नक्सल प्रभावित इलाकों में बसे हुए हैं।
सुरक्षा कैंपों के आसपास किया चयन
इन गाँवों में सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं देकर गांवों का विकास किया जा रहा है। जहां पर सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी प्रकार से मुलभुत सुविधाओं का विस्तार तेज गति से हो रहा है। बता दें कि नियद नेल्लानार का मतलब है आपका अच्छा गांव इस योजना के तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा कैंपों के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में सुविधाएं और लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।
सरकार ने बीजापुर जिले के नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में नियद नेल्लानार (Niyad Nellanar Scheme) के तहत 4 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं जो कि मूतवेंडी, कावड़गांव, छुटवाई और फुतकेल में हैं। यहां पर कैम्प के आसपास में 33 गांवों को चुना गया है। इन गाँवों में सरकार की तरफ से लागू की गए योजनाओं को पहुंचाया जाएगा।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर रहेगा फोकस
वहीं नवपदस्थ कलेक्टर संबित मिश्रा ने बंसल न्यूज से कहा कि उनकी पहली प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य (Niyad Nellanar Scheme) सबसे पहले स्थान पर है। स्वास्थ्य सुविधाओं को कैसे बढ़ाया जाए, जिससे की यहां के जिलेवासियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए बाहर न जाना पड़े, उनको यहीं पर अच्छा इलाज मिल सकें। इसके लिए भी लगातार स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों से चर्चा की जा रही है।
तालाब का सौंदर्यीयकरण और उन्नयन के काम होंगे
कलेक्टर ने कहा कि महादेव तालाब का सौंदर्यीयकरण और उन्नयन के काम में भी तेजी लाएंगे। इससे कि जिलेवासियों को मनोरंजन और सैर सपाटे के लिए एक अच्छा वातावरण मिल सकें।
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ग्रामीणों के पास नहीं है, पहचान
कलेक्टर ने कहा कि हमारे द्वारा एक एप्लीकेशन तैयार किया जा रहा है, इसका एक ऐप भी तैयार किया जा रहा है। इसके माध्यम से हर ग्रामीण को जरूरी दस्तावेज मिल जाएंगे। इस ऐप के आधार पर बच्चे के जन्म के 15 दिन बाद उन्हें जन्म प्रमाण पत्र मिल जाएगा। इसी तरह अन्य 5 आवश्यक दस्तावेज भी उपलब्ध हो जाएंगे। ग्रामीणों को उनकी पहचान दी जाएगी।
शिविर लगाकर बना रहे दस्तावेज
कलेक्टर संबित मिश्रा ने बताया कि चूंकि यह जिला नक्सल प्रभावित है। यहाँ पर कई ऐसे गाँव हैं जो नक्सलियों के आधार इलाके में आते हैं और वो गांव पहुंचविहीन और सुदूर क्षेत्र में आते हैं। ऐसे अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों के पास पहले अपने पहचान से सम्बंधित दस्तावेज तक उपलब्ध नहीं थे, लेकिन नियद नेल्लानार योजना (Niyad Nellanar Scheme) के तहत शिविर लगाकर ग्रामीणों के आवश्यक दस्तावेज बनाए जा रहे हैं।
जिससे उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिल सकें। साथ ही हम एक एप्लीकेशन बना रहे हैं, जिससे कि सभी बच्चों के जन्म के बाद निर्धारित समय सीमा में 5 आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने, जिसमें जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड में नाम की एंट्री, आयुष्मान कार्ड एवं जाति प्रमाण पत्र सुलभ हो सकें। इसके लिए स्वास्थ्य, राजस्व, खाद्य व पंचायत विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है।
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