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Bihar Voter List Scam: बिहार SIR प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला गहराया, सुप्रीम कोर्ट में RJD-ADR ने दायर की याचिका

Bihar Voter List Scam: बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। गड़बड़ियों के आरोपों ने मामला संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा दिया है।

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Shaurya Verma
Bihar Voter List Scam SIR RJD ADR files petition died persons form filled zxc

हाइलाइट्स

  • बिहार SIR प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप तेज
  • सुप्रीम कोर्ट में RJD और ADR ने दायर की याचिका
  • चुनाव आयोग हटाएगा 51 लाख वोटरों के नाम
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Bihar Voter List Scam: बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। जैसे ही इस प्रक्रिया का पहला चरण पूरा हुआ, गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आने लगी हैं। अब यह मुद्दा न केवल संसद के मॉनसून सत्र में गरमाया है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच चुका है।

विपक्ष का आरोप: वोटिंग अधिकार छीना जा रहा

विपक्षी दलों का आरोप है कि बिहार में चल रही SIR प्रक्रिया मतदाताओं के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। राजद (RJD) और एडीआर (Association for Democratic Reforms) ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और व्यापक स्तर पर अनियमितताएं हुई हैं।

सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा गया?

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार में चल रही वोटर लिस्ट की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) में:

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मृत लोगों के नाम पर फॉर्म भरे गए।

मतदाता की जानकारी या सहमति के बिना ऑनलाइन फॉर्म जमा कर दिए गए।

कई बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने बिना फिजिकल वेरिफिकेशन के फॉर्म सबमिट कर दिए।

कई मतदाताओं को न डुप्लीकेट फॉर्म मिले और न ही कोई रसीद।

फोटो के बिना और दस्तावेजों के बिना भी फॉर्म अपलोड कर दिए गए।

मोबाइल पर मिला फर्जी मैसेज

कई मतदाताओं ने यह भी दावा किया है कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान उन्होंने फॉर्म भरा ही नहीं, फिर भी उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि उनका फॉर्म सबमिट कर दिया गया है। यह दर्शाता है कि वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया में भारी लापरवाही हुई है।

चुनाव आयोग की सफाई और बड़ी कार्रवाई की तैयारी

निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सर्वे के दौरान:

18 लाख मृत वोटर्स की पहचान हुई है।

26 लाख वोटर्स बिहार छोड़कर अन्य क्षेत्रों में जा चुके हैं।

7 लाख ऐसे वोटर हैं जिनके नाम दो जगहों पर दर्ज हैं।

इन आधारों पर कुल 51 लाख वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की तैयारी है।

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RJD का हमला

राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि यह प्रक्रिया मतदाताओं के अधिकार को छीनने की साजिश है। "BLO बिना पूछे फॉर्म ऑनलाइन भर रहे हैं, और यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है," उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा।

क्या फर्जी वोटिंग का रास्ता खोल दें ?  

बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर जारी विवाद के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि “क्या चुनाव आयोग बेबुनियाद सवालों से डरकर फर्जी वोटिंग का रास्ता साफ कर दे?” CEC का यह बयान बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान पर विपक्ष के विरोध के बाद सामने आया था।  

“क्या दो जगह वोटर कार्ड बनवाने वालों को छूट दें?”

CEC ने आगे कहा कि आयोग को यह भी देखना है कि कोई मतदाता दो स्थानों पर वोटर ID न बनवा सके या कोई विदेशी नागरिक फर्जी तरीके से वोट डालने न पाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य भारत के लोकतंत्र को और सशक्त बनाना है।

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SIR पर उठे सवालों को बताया “यक्ष प्रश्न”

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार में SIR पर हो रहे विरोध को “यक्ष प्रश्न” करार दिया। उन्होंने कहा कि “इन सवालों पर हमें राजनीति से ऊपर उठकर विचार करना होगा।” CEC के अनुसार, यह समय भारत में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के भविष्य को लेकर गहन चिंतन का है।  

FAQ's 

1: SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया क्या है?

SIR एक विशेष अभियान है जिसमें वोटर लिस्ट को अपडेट किया जाता है—मृत, डुप्लीकेट या स्थानांतरित वोटर्स को हटाकर और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ा जाता है।

2: SIR प्रक्रिया को लेकर विवाद क्यों हुआ है?

विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। बिना सहमति फॉर्म सबमिट किए गए, मृत लोगों के नाम जोड़े गए, और बिना वेरिफिकेशन फॉर्म अपलोड किए गए, जिससे वोटिंग अधिकारों का हनन हो रहा है।

3: चुनाव आयोग ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी है?

 चुनाव आयोग ने बताया कि 51 लाख वोटरों के नाम हटाए जा सकते हैं और कहा कि यह लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है, न कि वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश। CEC ने फर्जी वोटिंग रोकने को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।

सीएम नीतीश कुमार ने पत्रकारों को दिया बड़ा तोहफा: पत्रकारों की पेंशन हुई डबल से भी ज्यादा, मिलेंगे इतने रुपये  

 बिहार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने  बिहार के पत्रकारों को बड़ा तोहफा दिया है। अब बिहार के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को मिल रही पेंशन राशि में बढ़ोतरी करने का फैसला किया गया है,इसकी जानकारी नीतीश कुमार ने X  के माध्यम से दी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें 

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