हाइलाइट्स
- बिहार में 29 हजार वोटरों ने कराया नाम फिर से जुड़वाने का दावा
- चुनाव आयोग ने बताया, 65 लाख नाम हटाए गए थे वोटर लिस्ट से
- 13 लाख से ज्यादा नए मतदाताओं ने किया नामांकन के लिए आवेदन
Bihar SIR: बिहार में मतदाता सूची को लेकर पिछले कुछ महीनों से तेज बहस चल रही है। विपक्ष ने भी इसे खास मुद्दा बनाया है। राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान चुनाव आयोग ने बताया कि जिन 65 लाख नामों को मतदाता सूची से हटाया गया था, उनमें से करीब 29,872 लोगों ने अपने नाम फिर से जुड़वाने के लिए आवेदन किया है।
65 लाख नाम हुए थे डिलीट
चुनाव आयोग ने 24 जुलाई को आदेश जारी किया था जिसके तहत सभी 7.89 करोड़ पंजीकृत वोटरों को 25 जुलाई तक गणना प्रपत्र भरना था। इस प्रक्रिया के बाद 1 अगस्त को जारी सूची में करीब 65 लाख नाम हटा दिए गए। इनमें वे लोग शामिल थे जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, स्थायी तौर पर कहीं और जा बसे हैं या जिनकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी थी।
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आयोग ने स्पष्ट किया था कि अगर किसी को अपने नाम को लेकर कोई आपत्ति या दावा करना है तो वे 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच आवेदन कर सकते हैं।
13 लाख से अधिक नए वोटरों ने किया आवेदन
चुनाव आयोग के मुताबिक अब तक 13.33 लाख नए मतदाताओं ने भी 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन किया है। वहीं दावा-आपत्ति की प्रक्रिया में अब तक कुल 29,872 दावे और 1,97,764 आपत्तियां दर्ज हो चुकी हैं।
इनमें से 33,771 आपत्तियों का निपटारा सात दिनों के भीतर कर दिया गया है। आयोग ने यह भी बताया कि राजनीतिक दलों ने 1.60 लाख बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए हैं, जिन्होंने 25 दावे और 103 आपत्तियां दर्ज कराई हैं।
जिलों में चल रहा विशेष अभियान
पटना सहित कई जिलों में जिला निर्वाचन पदाधिकारी और जिलाधिकारी के निर्देश पर तीन दिनों का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसमें सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान केंद्रों पर दावे और आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं। बीएलओ मौके पर मौजूद रहकर मतदाताओं से निर्धारित प्रपत्र और जरूरी दस्तावेज ले रहे हैं। इस अभियान के जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची से न छूटे और गलत तरीके से हटाए गए नाम फिर से शामिल किए जा सकें।
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