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CEC Gyanesh Kumar: बिहार वोटर लिस्ट विवाद पर CEC ज्ञानेश कुमार की दो टूक- क्या फर्जी वोटिंग का रास्ता खोल दें?

Election Commissioner Gyanesh Kumar on Bihar Voter list Dispute: बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए दो टूक जवाब दिया है।

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Shaurya Verma
CEC Gyanesh Kumar: बिहार वोटर लिस्ट विवाद पर CEC ज्ञानेश कुमार की दो टूक- क्या फर्जी वोटिंग का रास्ता खोल दें?

हाइलाइट्स

  • CEC बोले: फर्जी वोटिंग रोकने को जरूरी है SIR
  • मृत और दोहरी वोटिंग पर चुनाव आयोग सख्त
  • तेजस्वी यादव ने दस्तावेजों की मांग को बताया गलत
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Election Commissioner Gyanesh Kumar: बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर जारी विवाद के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि "क्या चुनाव आयोग बेबुनियाद सवालों से डरकर फर्जी वोटिंग का रास्ता साफ कर दे?" CEC का यह बयान बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान पर विपक्ष के विरोध के बाद सामने आया है।

CEC का दो टूक सवाल

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग का कर्तव्य पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराना है। ऐसे में यह जरूरी है कि वोटर लिस्ट से मृत, स्थानांतरित, और फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए जाएं। उन्होंने कहा, "क्या आयोग उन मतदाताओं का नाम भी वोटर लिस्ट में रहने दे, जो अब जीवित नहीं हैं या जो स्थायी रूप से अन्य राज्यों में स्थानांतरित हो चुके हैं?"

"क्या दो जगह वोटर कार्ड बनवाने वालों को छूट दें?"

CEC ने आगे कहा कि आयोग को यह भी देखना है कि कोई मतदाता दो स्थानों पर वोटर ID न बनवा सके या कोई विदेशी नागरिक फर्जी तरीके से वोट डालने न पाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य भारत के लोकतंत्र को और सशक्त बनाना है।

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SIR पर उठे सवालों को बताया "यक्ष प्रश्न"

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार में SIR पर हो रहे विरोध को "यक्ष प्रश्न" करार दिया। उन्होंने कहा कि "इन सवालों पर हमें राजनीति से ऊपर उठकर विचार करना होगा।" CEC के अनुसार, यह समय भारत में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के भविष्य को लेकर गहन चिंतन का है।

विपक्ष का विरोध: दस्तावेजों की मांग अनुचित

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने SIR का विरोध करते हुए कहा कि जब राज्य के लोग बाढ़ जैसी आपदा से जूझ रहे हैं, तब यह अभियान अनुचित है। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि मांगे गए 11 प्रकार के दस्तावेज गरीबों के पास नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग आधार, राशन कार्ड और मनरेगा कार्ड जैसे आम दस्तावेजों को नागरिकता का प्रमाण नहीं मान रहा, जिससे लोगों को सूची से बाहर किया जा सकता है।  

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निष्पक्ष चुनावों की नींव है पारदर्शी वोटर लिस्ट

CEC ज्ञानेश कुमार ने दोहराया कि "पारदर्शी प्रक्रिया से तैयार की गई वोटर लिस्ट ही निष्पक्ष चुनाव और सशक्त लोकतंत्र की नींव है।" उन्होंने यह भी कहा कि आयोग संविधान के तहत कार्य कर रहा है और संविधान ही भारत के लोकतंत्र का जनक है। 

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FAQ's 

1. विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

उत्तर: विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य वोटर लिस्ट से मृत, स्थानांतरित और फर्जी मतदाताओं के नाम हटाना है ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें।

2. विपक्ष SIR का विरोध क्यों कर रहा है?

उत्तर: विपक्ष, विशेष रूप से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है कि यह अभियान ऐसे समय पर चलाया जा रहा है जब राज्य बाढ़ से जूझ रहा है। साथ ही, वे यह भी आरोप लगा रहे हैं कि मांगे गए 11 दस्तावेज गरीबों के पास नहीं हैं, जिससे कई लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर किया जा सकता है।

3. CEC ज्ञानेश कुमार ने विरोध पर क्या प्रतिक्रिया दी है?

उत्तर: CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रहा है और उसका कर्तव्य है पारदर्शी चुनाव कराना। उन्होंने स्पष्ट किया कि मृत या फर्जी मतदाताओं को सूची में रखना लोकतंत्र के खिलाफ है, और SIR का उद्देश्य भारत के लोकतंत्र को और सशक्त बनाना है।

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