बक्सर। Bihar Train Accident बिहार के बक्सर जिले के एक गुमनाम शहर रघुनाथपुर से महज चंद कदमों की दूरी पर रेल की पटरी के दोनों तरफ बेपटरी हुई दिल्ली-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के डिब्बों को पड़े हुए देखा जा सकता है।नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के चार वातानुकूलित डिब्बे पटरी से उतर गए।
हालांकि गनीमत रही कि ये डिब्बे एक-दूसरे से अलग नहीं हुए। डिब्बों की खिड़कियों पर लगे शीशे चकनाचूर हो गए, जो हादसे की भयावहता को दर्शाते हैं।
अचानक लगा ब्रेक और हो गया बेहोश- ट्रेन के गार्ड
कामाख्या जा रही ट्रेन के गार्ड विजय कुमार रेल ने बताया कि ट्रेन के पटरी से उतरने के प्रभाव से वह बेसुध होकर गिर गए थे।मामूली तौर पर घायल हुए कुमार ने कहा, ”मैं अपनी कागजी कार्रवाई करने में व्यस्त था कि तभी मुझे महसूस हुआ कि चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिए।
इसके बाद कुछ झटके लगे और मैं बेहोश हो गया। बाद में मैंने खुद को पास के खेतों में पड़ा हुआ पाया, जहां गांव वाले मेरे चेहरे पर पानी के छींटे मार रहे थे।”हादसे के बाद यात्रियों को बाहर निकालने का काम पूरा हो गया है और अब पटरियों की मरम्मत व साफ-सफाई का काम जारी है।
कभी नहीं भूल सकता ऐसा अनुभव- बुजुर्ग यात्री महेंद्र यादव
पूरे इलाके को घेर लिया गया है और वहां मौजूद लोगों ने बड़ी-बड़ी मशीनों और क्रेनों के माध्यम से, बचाव कार्य को अंजाम देते तथा धातु को काटकर लोगों को बाहर निकालते हुए अपनी आंखों से देखा। लोग हादसे से हुई तबाही के मंजर को देखते हुए यह मान रहे हैं कि पटरियों पर फिर से ट्रेनें दौड़ने में कई दिन का वक्त और लग सकता है।
वहीं रेलवे ने जोर देकर कहा कि इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।पटरी से उतरे एक वातानुकूलित डिब्बे में यात्रा कर रहे मधेपुर जिले के 64 वर्षीय महेन्द्र यादव ने सिसकियां भरते हुए कहा, ” यह एक ऐसा अनुभव है, जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता। अचानक एक झटके में हम लोग अपनी-अपनी सीटों से पलट गए और किसी को भी कुछ समझ नहीं आया।”
Major Railway accident in Bihar's Buxar.
Several carriages of the train no. 12506, North East Express, en route from Delhi to Guwahati, have derailed, and rescue operations are underway.
Hats off to villagers who are saving lives at front 🙏#TrainAccident #NorthEastExpress pic.twitter.com/QmLlE9oBpd
— Saurav Mishra 🇮🇳 (@SauravmishraTV9) October 12, 2023
छुट्टियां मनाने जा रहे थे घर
बुजुर्ग व्यक्ति ने स्थानीय लोगों के प्रति आभार जताया, जो तुंरत मौके पर पहुंचे और वक्त रहते वहां फंसे हुए ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने रेलवे व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के मदद के साथ पहुंचने से पहले ही बहुत से यात्रियों को वहां से निकाल लिया था।
एक अन्य डिब्बे में सवार किशनगंज जिले के निवासी मोहम्मद नसीर और अबु जाहिद गहरी नींद में सो रहे थे और दिल्ली की भाग-दौड़ से दूर घर पर छुट्टियां मनाने के सपने को मानो जी रहे थे।
जान बचने पर किस्मत को दिया धन्यवाद
हैरान-परेशान नसीर ने कहा, ”हम बुधवार को सुबह ट्रेन में सवार हुए थे। थका देने वाले सफर और सुबह जल्दी खाना खाने के बाद हम सो गए थे। ट्रेन अगली सुबह किशनगंज पहुंचने वाली थी। तभी अचानक एक जोर का झटका लगा और मैं अपनी सीट से नीचे गिर गया।
मुझे यह सोचने-समझने में थोड़ा समय लगा कि आखिर हुआ क्या था।”दुर्घटना में मामूली चोट लगने पर अपनी किस्मत को धन्यवाद देते हुए नसीर की आंखें उस वक्त नम हो गईं, जब उसने बचाव कर्मियों को अबु जाहिद के शव को ले जाते हुए देखा। रुंधे गले से उन्होंने बताया कि इस हादसे में उनके दोस्त की मौत हो गई।
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