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हाइलाइट्स
बिहार विधानसभा चुनाव
बिहार में तीसरा विकल्प जन सुराज पार्टी
जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष से खास बातचीत
Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी हलचल तेज होती जा रही है। इस बीच जन सुराज पार्टी ने अपने आक्रामक तेवर और नए विकल्प के दावे से राजनीति में हलचल मचा दी है। पार्टी के अध्यक्ष मनोज कुमार भारती का कहना है कि पिछले 35-40 सालों में सत्ता में रहे दलों ने बिहार की जनता को सिर्फ निराश किया है। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर वह मौजूदा दलों पर सवाल उठाते हैं और कहते हैं कि बिहार की असली जंग शिक्षा और रोजगार की है। जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज कुमार भारती से खास बातचीत...
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जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती से बात करते हुए फ्रीलांस रिपोर्टर दिलीप कापसे[/caption]
सवाल - ये इलेक्शन बहुत खास माना जा रहा है। जैसे हम 2005 के चुनाव की बात करते हैं या इमरजेंसी के दौरान हुए चुनाव की ?
जवाब - मैंने जितनी आम सभाएं देखी हैं और जितनी खबरें पढ़ी हैं, उसमें जन सुराज पार्टी बहुत आक्रामक अंदाज में प्रचार कर रही है। चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सब पर तीखा हमला।
सवाल - क्या यह आपकी पार्टी की स्ट्रेटजी है या इस चुनाव की डिमांड है ?
जवाब -आपने सही कहा, यह चुनाव खास है। पिछले 35-40 सालों से बिहार की जनता राजनीतिक दलों और नेताओं की नाकामियों से त्रस्त है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हुए भी जनता का इतना बुरा हाल कहीं और नहीं हुआ। जन सुराज आक्रामक नहीं, बल्कि सच्चाई सामने रख रही है। तीन साल पहले जब हमने अभियान शुरू किया था तभी से कहा था कि जनता को अपनी गरीबी और बदहाली का कारण समझना होगा। पिछले 40 सालों से बिहार विकास के हर इंडेक्स में सबसे नीचे है।
अगर 35 सालों तक सरकारों में न तो नीयत थी और न नीति बनाने की काबिलियत, तो अब उन्हें फिर से मौका क्यों मिले ? कोई संभावना नहीं कि हालात सुधारें। इसलिए विकल्प देने और बदलाव लाने के उद्देश्य से जन सुराज पार्टी बनी है।
सवाल - इस बार चुनाव दो मुद्दों पर शिफ्ट हो गया है। एक प्रधानमंत्री की माताजी पर टिप्पणी और दूसरा महागठबंधन का वोट चोरी का आरोप। लेकिन आपकी पार्टी इस पर मुखर नहीं दिखती। क्या जन सुराज के लिए वोट चोरी मुद्दा नहीं है ?
जवाब - असल मुद्दा ये नहीं है। ये सब जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है। बिहार का असली मुद्दा है - बच्चों की अच्छी शिक्षा और युवाओं को रोजगार। 35 सालों से न शिक्षा दी गई, न रोजगार मिला। बाकी सब शोर असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए है।
सवाल - आपकी पार्टी नई है। उम्मीदवारों के चयन का पैमाना क्या रखा गया है ?
जवाब -बिहार की बदहाली का सबसे बड़ा कारण है भ्रष्टाचार। टिकट बिकते रहे, नेता पैसे लगाकर चुनाव जीतते और फिर भ्रष्टाचार से वसूली करते रहे। जन सुराज ने तय किया है कि टिकट नहीं बिकेगा। जनता से कहेंगे कि काबिल और ईमानदार उम्मीदवार आगे लाएं।
अगर उनकी क्षमता 5 लाख रुपये खर्च करने की है तो 5 लाख लगाएं, अगर 50 लाख है तो 50 लाख लगाएं। बाकी जिताने की जिम्मेदारी पार्टी की होगी। हमारा मकसद है कि विधायक और मंत्री भ्रष्टाचार से दूर रहें।
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सवाल - युवाओं और आम लोगों में वोटिंग को लेकर उदासीनता दिख रही है। क्या यह खतरनाक ट्रेंड नहीं है ?
जवाब - यह हकीकत है। लोग मान चुके हैं कि चाहे जिसे जिताएं, सब एक जैसे हैं। खाई भी है और कुआं भी। इसलिए उदासीन हो गए। लेकिन हम समझा रहे हैं कि उदासीन होना हल नहीं है। पहले नोटा था, अब जन सुराज विकल्प है, न माफिया, न गुंडा, न पैसे वाला। हमारा चुनाव चिन्ह स्कूल का बस्ता इसलिए चुना कि हर गरीब को याद रहे-अगर बच्चों की पीठ पर बोझ का बोरा हटाकर स्कूल का बस्ता देखना है तो बस्ते पर बटन दबाइए।
सवाल - आप सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष पर भी आक्रामक हैं। हाल में राहुल गांधी पर भी टिप्पणी हुई है। क्या ये बदलाव है ?
जवाब - नहीं, बदलाव नहीं। राहुल गांधी हाल में ज्यादा एक्टिव हुए हैं, इसलिए टिप्पणी आई। लेकिन जब उनकी पार्टी के नेता बिहारियों का अपमान करते हैं और राहुल गांधी चुप रहते हैं तो बिहार में उनकी दाल नहीं गल सकती। कांग्रेस 40 साल राज करती रही, फिर लालू यादव के साथ 15 साल तक रही। नतीजा जनता ने देखा। बिहार की जनता अब उन्हें स्वीकार नहीं करेगी।
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विपक्ष के नेता राहुल गांधी[/caption]
सवाल - पहला चुनाव है। कितनी सीटों पर आपको यकीन है ?
जवाब - हम सीटों की गिनती में नहीं हैं। हम जनता को उनकी बदहाली का कारण समझा रहे हैं। विकल्प दे रहे हैं। हर रोज 3–5 लाख लोग जन सुराज की बात समझ रहे हैं। वोट परसेंटेज रोज बढ़ रहा है।
हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं, सत्ता तो व्यवस्था परिवर्तन का स्टेपिंग स्टोन है। इसलिए न प्रीपोल अलायंस करेंगे, न पोस्ट पोल। जनता समझ गई तो अर्श पर होंगे, नहीं तो फर्श पर। हम 0 सीट के लिए भी तैयार हैं और 200 सीट के लिए भी।
सवाल - मतलब इलेक्शन के बाद भी कोई गठबंधन नहीं होगा ?
जवाब - जी बिल्कुल। हम सियासत करने नहीं आए हैं। अगर हमारे विधायक चाहेंगे कि हम अलायंस करें तो वे स्वतंत्र हैं अलग होने के लिए। लेकिन जन सुराज किसी से गठबंधन नहीं करेगी।
सवाल - अगर बहुमत नहीं आता और विपक्ष में सम्मानजनक संख्या मिलती है तो ?
जवाब - तो हम दिखाएंगे कि असली विपक्ष कैसा होना चाहिए। लेकिन अगर नंबर बहुत कम हुआ तो फिर से जीरो से शुरुआत करेंगे। विधायकों को कह देंगे अगर जन सुराज के साथ रहना है तो रहो, वरना जहां जाना है जाओ।
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( फ्रीलांस रिपोर्टर दिलीप कापसे की जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती से खास बातचीत )
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