भोपाल. बालाघाट और मंडला में घटिया चावल मिलने की जांच कर रहे ईओडब्लू ने एक अहम खुलासा किया है। खुलासे के अनुसार, चावल की क्वालिटी जांचने की जिम्मेदारी जिन क्वालिटी कंट्रोलर के जिम्मे थी, उनकी नियुक्तियां एक सिक्योरिटी एजेंसी की सिफारिश पर की गई थी।
दरअसल, जांच एजेंसी को एक पत्र मिला है। पत्र 15 जून 2019 का है। सिक्योरिटी एजेंसी ने मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन बालाघाट को लिखा था, जिसमें 2 क्वालिटी कंट्रोल असिस्टेंट के पद पर नियुक्ति के लिए आर के बैरागी और लोचन सिंह टेंभरे के नाम की सिफारिश की गई थी। पत्र लिखने के एक हफ्ते के भीतर 6 क्वालिटी कंट्रोलर्स की नियुक्तियां हो गई, जिसमें आरके बैरागी, लोचन सिंह टेंभरे, मुकेश कन्हेरिया, नागेश उपाध्याय, राकेश सेन और प्रेमनारायण दुबे का नाम है। ये सभी नियुक्तियां संविदा के आधार पर की गई थी।
जांच में ये भी पता चला है कि खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम मुख्यालय से लेकर जिलों में स्थाई क्वालिटी कंट्रोलर ही नहीं है और काफी सालों से नहीं है। ऐसे में संविदा नियुक्तियां हो रही है और सिक्योरिटी एजेंसी, गार्ड्स की नियुक्तियां करती है। ऐसे में क्वालिटी कंट्रोलर की नियुक्तियां कैसे हो गई, कई सारे सवाल हैं जिसका जवाब जांच एजेंसियां तलाश रही है।