रिपोर्ट- रजत वाजपेयी
Anti Naxal Operation: 4 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ के इतिहास में सबसे बड़े नक्सली ऑपरेशन को अंजाम दिया है। दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले के बॉर्डर पर जवानों ने 2 घंटे की मुठभेड़ में ही 31 नक्सलियों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी की लीडर नीति मारी गई है। कहा जा रहा है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या इससे अधिक भी हो सकती है।
पूर्वी बस्तर इंचार्ज नीति उर्फ उर्मिला मारी गई
बता दें कि इस मुठभेड़ में 25 लाख की इनामी डीकेएसजेडसी, पूर्वी बस्तर इंचार्ज नीति उर्फ उर्मिला मारी गई है। वहीं 18 पुरुष और 13 महिला नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया है।
इसमें डीकेएसजेडसी, डीवीसी, पीएलजीए कंपनी नंबर 6 के कई कॉडर वाले नक्सली ढेर हुए हैं।
अबतक 31 में से 16 नक्सली पहचाने गए हैं। कॉडर वाले 2 नक्सली 8-8 लाख के इनामी हैं। सुरक्षाबलों ने 4 एके-47, एक एलएमजी, 6 एसएलआर, 3 इंसास, 2 थ्री नाट थ्री बरामद किया है।
मारे गये 16 नक्सलियों की हुई पहचान
1. नीति, DKSZC
2. सुरेश सलाम, डीवीसीएम
3. मीना माडकम, डीवीसीएम
4. अर्जुन PPCM, पीएलजीए कंपनी 6
5. सुंदर PPCM, पीएलजीए कंपनी 6
6. बुधराम, PPCM पीएलजीए कंपनी 6
7. सुक्कू, PPCM, पीएलजीए कंपनी 6
8. सोहन, एसीएम, बारसूर एसी
9. फूलो, PPCM, पीएलजीए कंपनी 6
10. बसंती, PPCM, पीएलजीए कंपनी 6
11. सोमे, PPCM, पीएलजीए कंपनी 6
12. जमीला उर्फ बुधरी, PM, पीएलजीए कंपनी 6
13. रामदेर, एसीएम
14. सुकलू उर्फ विजय एसीएम
15. जमली एसीएम
16. सोनू कोर्राम, एसीएम अमदेयी
इन 16 नक्सलियों पर 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा का इनाम घोषित था। अन्य 15 नक्सलियों की शिनाख्तगी जारी है।
नक्सलियों की मौजूदगी के मिले थे इनपुट्स
पुलिस को अबूझमाड़ के थुलथुली इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी के इनपुट्स मिले थे। जिसके बाद बुधवार की देर रात तक प्लानिंग की गई और शुक्रवार को माओवादियों के खिलाफ जवानों ने धावा बोल दिया।
छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में ये एक बड़ा ऑपरेशन है। शुक्रवार का अभियान इस साल अप्रैल में हुए अभियान से भी बड़ा था, जब कांकेर जिले में लोकसभा चुनाव से पहले एक मुठभेड़ में 29 माओवादियों को मार गिराया गया था।
सुरक्षाबलों के अनुसार, इस साल ‘माड़ बचाओ अभियान-नक्सलवाद से माड़ की रक्षा’ के तहत 40 से अधिक एंटी-नक्सल अभियान चलाए गए हैं। इनमें से अप्रैल से अब तक छह बड़े अभियान शामिल हैं।
दोनों तरफ से काफी देर तक होती रही गोलीबारी
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी सुंदरराज ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना और नारायणपुर जिले के ओरछा थाना क्षेत्र में गवाड़ी, थुलथुली, नेंदूर और रेंगावाया गांव के बीच पहाड़ी पर माओवादियों की कंपनी नंबर छह और पूर्वी बस्तर डिवीजन के नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी।
इसके बाद, बृहस्पतिवार दोपहर को दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले से डीआरजी और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के जवानों का संयुक्त दल रवाना किया गया। शुक्रवार को जब सुरक्षाबल के जवान क्षेत्र में थे, तब नक्सलियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी।
इसके जवाब में सुरक्षाबल ने भी कार्रवाई की, और दोनों तरफ से काफी देर तक गोलीबारी होती रही। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने 31 मारे गए माओवादियों के शव बरामद किए। मारे गए माओवादियों की पहचान की जा रही है।
घटनास्थल से कई अन्य हथियार भी बरामद
मुठभेड़ के बाद, जवानों ने घटनास्थल से LMG, AK-47, इंसास, 303 जैसे हथियारों के साथ-साथ 12 बोर और 15 बोर के कई अन्य हथियार भी बरामद किए हैं। सर्च अभियान अभी भी जारी है। जवानों के लौटने के बाद इस मामले में और विस्तृत जानकारी मिल पाएगी।
नक्सलियों के गढ़ अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों का डेरा
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, सुरक्षा बलों ने दावा किया है कि उन्होंने अबूझमाड़ का लगभग 50 प्रतिशत क्षेत्र कवर कर लिया है। यह क्षेत्र, जो गोवा से भी बड़ा है, 1980 के दशक से नक्सलियों का गढ़ रहा है और इसका अधिकांश हिस्सा नारायणपुर में है, जबकि यह बीजापुर और दंतेवाड़ा के कुछ छोटे हिस्सों में भी फैला हुआ है।
अबूझमाड़ लगभग 4,000 वर्ग किमी का घना वन क्षेत्र है, जो नक्सली आंदोलन का मुख्य केंद्र है। सरकारी राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार, इस क्षेत्र का केवल 10 प्रतिशत भाग ही सर्वेक्षण किया गया है, इसका मतलब बड़े हिस्से में अभी भी सर्वेक्षण नहीं हुआ है।